19 August 2021 11:50 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। केन्द्रीय कारागृह जोधपुर में बंद संत आसाराम अब सुप्रीम कोर्ट से धोखाधड़ी के मामले में फंस गए हैं। आज आरोप प्रमाणित पाए जाने पर उन्हें जोधपुर पूर्व के रातानाडा थानाधिकारी इंस्पेक्टर लीलाराम ने गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। न्यायालय ने संत आसाराम को जेसी कर दिया।
लीलाराम से मिली जानकारी के अनुसार आसाराम ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर अधिवक्ता के मार्फत सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम यानी विशेष जमानत अर्जी लगाई थी। विशेष जमानत के लिए उन्होंने जो आधार पेश किए वो ही कूटरचित थे। दरअसल, आसाराम के पैरोकार ने सुप्रीम कोर्ट में केंद्रीय कारागृह के अधीक्षक के नाम से फर्जी आरटीआई दस्तावेज प्रस्तुत कर दिए। जब सुप्रीम कोर्ट ने जेल अधीक्षक से पुष्टि के लिए जेल अधीक्षक से एफेडेविट मांगा तो पता चला कि जेल अधीक्षक ने इस तरह के दस्तावेज भी नहीं दिए हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम सहित अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर जांच करने के आदेश दिए। एसीपी पूर्व आईपीएस पूजा यादव ने मामले की जांच करते हुए पूर्व में दिल्ली निवासी रविराय मारवाह को गिरफ्तार किया था। वहीं अब आरोपी के विरुद्ध धारा 193, 420, 465, 466, 468, 471 व 120बी आईपीसी में अपराध प्रमाणित पाए जाने पर जेल में बंद संत आसाराम को प्रॉडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया गया।
आसाराम को सीएमएम न्यायालय जोधपुर में पेश किया गया। न्यायालय ने संत आसाराम को सुनते हुए उसके वकील की बहस सुनी तथा सीडी हाजा का भी गहनता से अवलोकन किया। इसके पश्चात संत आसाराम को जेसी करने के आदेश जारी किए। पुलिस ने संत आसाराम को जेसी के तहत पुनः जोधपुर सेंट्रल जेल में जमा करवा दिया है। ऐसे में अब इस मामले में भी कोर्ट ट्रायल चलेगा।
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