29 January 2023 02:44 PM

	
				 
				      	 
			     
	
				 
				      	 
			     
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। सरकार की तरफ से चिकित्सा की निःशुल्क सुविधा होने के बावजूद बीकानेर के नागरिकों को लूटा जा रहा है। बात प्राइवेट अस्पतालों की नहीं बल्कि पीबीएम व राजकीय चिकित्सालयों की है। सरकार से तनख्वाह लेने के बावजूद कुछ डॉक्टर अपनी प्राइवेट दुकानदारी चला रहे हैं। जबकि सरकार ने मात्र घर पर ही मरीजों को देखना अनुमत कर रखा है। अगर कोई सरकारी डॉक्टर किसी प्राइवेट अस्पताल, क्लिनिक अथवा मेडिकल स्टोर पर मरीज़ देखता है तो यह ग़लत है। सरकार के सामान्य नियमों में भी किसी सरकारी कर्मचारी को अपना व्यापार-धंधा करने की अनुमति नहीं है। ऐसे में किसी मेडिकल स्टोर पर जाकर मरीज़ देखना कहां तक सही हो सकता है।
हमने ऐसे चिकित्सकों की तहकीकात शुरू की है जो पीबीएम व घर के अलावा मेडिकल स्टोर्स पर भी धड़ल्ले से मरीज़ देख रहे हैं। पीबीएम में मेडिसिन विभाग के डॉक्टर मनोज मीणा का नाम भी इस सूची में आया है। वें मुक्ताप्रसाद रोड़ स्थित सूफी मेडिकल पर मरीज देखते हैं। यह स्टोर इनका घर नहीं है। ऐसे में संबंधित अधिकारी अथवा कार्यालय को मामले में संज्ञान लेना चाहिए। अगर सरकारी डॉक्टर का किसी मेडिकल स्टोर पर जाकर मरीजों को देखना नियमानुसार सही नहीं है तो संबंधित डॉक्टर को पाबंद किया जाना चाहिए। मुद्दा गरीबों के हक का है। अगर सरकारी डॉक्टर ऐसे मेडिकल स्टोर पर जाकर मरीज़ देखेंगे तो पीबीएम में निशुल्क क्यों देखना चाहेंगे। बीकानेर में ऐसे और भी डॉक्टर हैं जो बाहरी कॉलोनियों में बने मेडिकल स्टोरों पर मरीज देखते हैं। जयपुर रोड़ पर भी कुछ डॉक्टर इसी तरह की दुकानदारी चला रहे हैं। जल्द ही ऐसे और डॉक्टरों के नाम भी उजागर किए जाएंगे।

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