07 October 2024 02:54 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। (पत्रकार रोशन बाफना की रिपोर्ट) बुजुर्गों ने ठीक ही कहा है-नशा नाश का द्वार है। बीकानेर भी इस नाश के द्वार पर खड़ा है बल्कि हालात यह है कि सैकड़ों युवाओं के जीवन का तो इस नशे ने सत्यानाश ही कर दिया है। बीकानेर के चप्पे चप्पे को खतरनाक नशे ने अपनी चपेट में ले रखा है। बीकानेर में 14-15 साल के बालक भी नशे की चपेट में हैं। जहां जगह मिले वहीं नशा किया जा रहा है। नशेड़ी ना धर्म स्थानों की मर्यादा रख रहे हैं ना ही शिक्षा के मंदिर की।
ख़बर मिली है कि नयाशहर थाना क्षेत्र के नाथ जी के धोरे के नीचे स्थित पुष्करणा छात्रावास नशेड़ियों व तस्करों का बड़ा अड्डा बन चुका है। इस नवनिर्मित पुष्करणा छात्रावास में रोज रात जमकर नशा होता है। शराब, स्मैक, चरस, गांजा, एमडी व नशे की गोलियों से लेकर नशीले पदार्थों के इंजेक्शन तक सबकुछ यहां चलता है। छोटे-मोटे तस्कर भी आते हैं। हमने नवनिर्मित छात्रावास की तहकीकात की तो यहां नशा होने के सबूत भी मिले। नशीले पदार्थों के अवशेष यहां की हकीकत बयां करते हैं।
चौंकाने वाली बात यह है कि शहर के लोगों को भी इस सच्चाई का पता है। लोगों में आक्रोश भी है मगर करे तो करे क्या? ना ही नशेड़ियों के माता पिता कुछ कर पा रहे हैं ना ही समाज। सिस्टम तो अनदेखी करता ही आया है, वरना यह कहां तक संभव है कि जिस काले सच की जानकारी आमजन को हो वह पुलिस के खूफिया तंत्र को ना हो।
चिंतित समाज की पीड़ा ना तो नशे की गिरफ्त में आ चुके नशेड़ी समझ रहे हैं ना ही सिस्टम। अगर हालात यूं ही बिगड़ते रहे तो वह समय दूर नहीं समझ बीकानेर को नशे की राजधानी होने का लज्जित करने वाला टैग मिल जाएगा। बता दें कि बीकानेर पुलिस के नये एसपी कावेंद्र सिंह सागर ने नशे के खिलाफ सख्ती के निर्देश दिए हैं। हालांकि उस स्तर भी कार्रवाई होती नहीं दिख रही। बीकानेर में नशे की जड़ें इतनी फैल चुकी है कि बीकानेर को नशा मुक्त करने के लिए बीकानेर पुलिस को हर दिन नशे के खिलाफ काम करना होगा।
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