19 July 2025 10:28 AM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। मुक्ताप्रसाद नगर थाना क्षेत्र निवासी वृद्ध दंपति की मौत की गुत्थी सुलझ गई है। मामला हत्या का निकला। हालांकि हत्या लूट के इरादे से की गई या बदला लेने के लिए हत्या की गई, यह अभी भी पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। पुलिस ने गोपाल वर्मा व उनकी पत्नी निर्मला की हत्या के आरोप में एक युवती सहित तीन जनों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों की पहचान ओझा सारस्वत भवन, धर्म नगर द्वार के बाहर, नयाशहर थाना क्षेत्र निवासी 28 वर्षीय अरुण कुमार ओझा पुत्र इंद्र चंद ओझा, हाउस नंबर 43, ऋषि मार्ग, लोनी गाजियाबाद, उतर प्रदेश निवासी 24 वर्षीय रोहित बंसल पुत्र विजय गुर्जर व आवास विकास टोनिका, लोनी, गाजियाबाद निवासी 23 वर्षीय प्रिया सिसोदिया पुत्री कर्मवीर वाल्मीकि के रूप में हुई है। वहीं अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। पुलिस अभी तक कर्मवीर, सुमित सहित 1-2 अन्य को गिरफ्तार कर सकती है।
-किराए पर रहता था मुख्य आरोपी : हत्या की वारदात का मास्टर माइंड अरुण ओझा अपनी पत्नी प्रिया के साथ मृतक गोपाल वर्मा के मकान में किराए पर रहता था। इस दौरान अरुण के ससुर, सास व साले का आना जाना भी रहता था। -मकान मालिक से ठनी तो छोड़ना पड़ा घर, वहीं से शुरू हुई साजिश : अरुण का ससुर खुद को तांत्रिक बताता। इसी के चलते गोपाल वर्मा से अरुण के ससुर कर्मवीर व साले प्रियांशु का संपर्क था। बाद में अरुण से गोपाल वर्मा की बातचीत हो गई। इस पर अरुण से घर खाली करवा लिया गया। लेकिन तंत्रविद्या के चलते कर्मवीर व प्रियांशु का गोपाल के घर आना जाना था।
दूसरी तरफ ऐसा माना जा रहा है कि अरुण बदले की आग में जल रहा था। अरुण अपने ससुर से सूचनाएं लेता रहता। 13 जुलाई की रात पति पत्नी घर में अकेले थे। इसकी सूचना पाकर पूरी योजना के साथ अरुण अन्य बाहरी लोगों के साथ घर में घुस गया।
यहां पहले वृद्ध दंपत्ति की गला घोंटकर हत्या की। इस दौरान हॉल में लगे टीवी को तेज आवाज में चला दिया, ताकि चिल्लाए तो बाहर आवाज ना जाए। इसके बाद घर की तलाशी लेकर जेवरात व नगदी लूटकर चले गए। शातिर आरोपी जाते वक्त मुख्य द्वार पर ताला लगा गए, ताकि किसी को भी शक ना हो।
-दो दिन बाद बदबू आई तो पता चला : दो दिन बाद यानी 15 जुलाई को घर के अंदर से बदबू आने पर पड़ोसियों ने पुलिस कौन सूचना दी। प्रथमदृष्टया मामला आत्महत्या का माना गया, लेकिन परिजनों ने संदेह जताया तो जांच का एंगल बदला।
-हत्या के बाद भी रुका था बीकानेर में: पुलिस के मुताबिक आरोपी अरुण व उसकी पत्नी प्रिया हत्या के बाद भी बीकानेर में भी रुके थे। उन्होंने मर्डर की इतनी शातिराना तरीके से बनाई थी कि उन्हें लगा किसी को शक ही नहीं होगा। मगर शक के बाद पुलिस टीमों ने अरुण की कॉल डिटेल्स, अरुण के घर से गोपाल वर्मा के घर तक के सभी सीसीटीवी कैमरे खंगाले। अन्य स्थानों के कैमरे भी खंगाले गए। इससे शक यकीन में बदलता गया और पुलिस ने अरुण व उसकी पत्नी से पूछताछ की तो सच सामने आ गया। इसके बाद रोहित को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया।
उल्लेखनीय है कि डबल मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने के लिए आईजी ओमप्रकाश पासवान के निर्देशानुसार एसपी कावेंद्र सिंह सागर के निर्देशन व एडीशनल एसपी सौरभ तिवाड़ी, आईपीएस प्रशिक्षु विशाल जांगिड़ व सीओ श्रवण दास संत के सुपरविजन में सात टीमों का गठन किया गया।
मर्डर का खुलासा कर आरोपियों को गिरफ्तार करने वाली टीम में मुक्ताप्रसाद थानाधिकारी विजेंद्र शिला, कोटगेट थानाधिकारी विश्वजीत सिंह, कोतवाली थानाधिकारी जसवीर कुमार, नयाशहर थानाधिकारी विक्रम तिवाड़ी, उनि रेणु बाला, उनि राजेंद्र कुमार, एएसआई साईबर दीपक यादव सहित हैड कांस्टेबल रामकुमार 3010, हैड कांस्टेबल हेतराम 153, कांस्टेबल कैलाश 2177, छगनलाल 1223, संजय 1033, रवीन्द्र 738, पंकज 1035, काशीराम 1739, संजु 1940 व श्रीराम साईबर सैल शामिल थे।
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