02 June 2020 10:43 AM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। कोरोना काल में अटकी परीक्षाओं को लेकर दो मत सामने आ रहे हैं। दसवीं-बारहवीं की परीक्षा तिथियां तय हो चुकी है तो वहीं कॉलेज विद्यार्थियों की परीक्षाओं पर अभी कुछ तय नहीं हो पाया है। कॉलेज के अधिकतर विद्यार्थी बिना परीक्षाओं के प्रमोट किए जाने की मांग कर रहे हैं, ये ही युवा दसवीं-बारहवीं की परीक्षाएं करवाने का विरोध भी कर रहे हैं। इस सारे विरोध के बीच एक बड़े सच से ये युवा अनजान हैं। बता दें कि बिना परीक्षाओं के प्रमोट किए जाने वाले विद्यार्थियों का भविष्य भी 2013 के पट्टों की तरह हो जाएगा। बिना परीक्षाओं के प्रमोट करने की स्थिति में मार्कशीट पर नोट भी डालना होगा, ऐसे में भविष्य में जब बड़ी शिक्षा अथवा नौकरियों के लिए आवेदन किए जाएंगे तो वह मान्य नहीं होंगे। वहीं सरकारी दबाव में मान्य कर भी दिए गए तो उतना लाभ नहीं दिया जाएगा जितना कि परीक्षाओं से पास हुए विद्यार्थियों को दिया जाता है। उल्लेखनीय है कि 2013 में जो पट्टे बने थे वह आज भी विवादित हैं, उन पर ॠण सुविधा उपलब्ध नहीं है। ऐसे में पट्टाधारी होकर भी ज़मीन मालिक हर मोर्चे पर पिछड़ जाता है। ऐसे में कोरोना की वजह से बिना परीक्षाओं के प्रमोट कर दिया गया तो यह युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ होगा।
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