13 August 2020 05:12 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। गंगाशहर के युवकों द्वारा विवाहिता की नृशंस हत्या कर शव जलाने का सनसनीखेज मामला उजागर हुआ है। हत्या के तीनों मुल्जिमों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मामला 11 अगस्त का है। इस दिन जयनारायण व्यास कॉलोनी थाना क्षेत्र अन्तर्गत जोधपुर बाईपास स्थित गणेश विहार कॉलोनी के खंडहरनुमा मकान के तलघर में प्लॉट मालिक को एक बुरी तरह जला हुआ शव मिला था। सूचना पर थानाधिकारी गोविंद सिंह चारण मय टीम मौके पर पहुंची। इस शव की शिनाख्त नहीं हो पा रही थी। मौके पर एएसपी पवन मीणा व डीवाईएसपी पवन भदौरिया भी पहुंचे। अधिकारियों ने घटना स्थल का निरीक्षण किया। घटना की गंभीरता को देखते हुए एसपी प्रहलाद कृष्णियां ने तुरंत टीम गठित की। एसपी के निकट सुपरविजन व एएसपी व डीवाईएसपी के निर्देशन वाली इस टीम ने तहकीकात शुरू की। मीडिया रिपोर्ट के माध्यम से शव की शिनाख्त के रास्ते खुले और कड़ी से कड़ी जुड़ती गई। मृतका की पहचान लूणकरणसर के खियेंरा की परमेश्वरी देवी पुत्री स्व मघाराम रैगर के रूप में हुई। पहचान के साथ ही अगली कड़ी जुड़ गई। मृतका द्वारा गंगाशहर थाने में दिए एक परिवाद से पता चला कि परमेश्वरी ने भीनासर चित्रा आईस फैक्ट्री के समीप के निवासी लालचंद पुत्र प्रहलाद उपाध्याय से प्रेम विवाह किया। इस पर पुलिस ने लालचंद के यहां दबिश दी तो पता चला कि वह दो दिन से फरार है। इसके बाद मुखबिर व साईबर सैल की सहायता से लालचंद को दबोच लिया गया। वांछित लालचंद से पूछताछ में सामने आया कि लालचंद के साथ वारदात में उसका दोस्त पंकज पुत्र रामेश्वर लाल कुम्हार व पूनमचंद पुत्र ओमप्रकाश गोयल शामिल था। पुलिस ने दोनों को भी दबोच लिया।
अब तक की पूछताछ में हुआ ये खुलासा----
पूछताछ में सामने आया कि परमेश्वरी ने अपनी जाति गलत बताकर लालचंद से विवाह किया था। उसने रैगर होने का तथ्य छुपाकर खुद को जाट बताया। लेकिन कुछ दिनों बाद लालचंद को जाति का सच पता चला तो वह उससे नफरत करने लगा। इस दौरान यह भी पता चला कि परमेश्वरी पहले से शादीशुदा थी। उसकी पहली शादी सांडवा निवासी प्रभुराम रैगर से हो रखी थी। इसके बाद दोनों में झगड़े होने लगे। प्रेम विवाह के बाद लालचंद व परमेश्वरी अपने दोस्त पूनमचंद गोयल की बुआ के चौपड़ा बाड़ी स्थित मकान में किराये पर रहने लगे थे। इस दौरान पूनमचंद ने मौका पाकर सहानुभूति को हथियार बना परमेश्वरी को विश्वास में ले लिया और उससे शारीरिक संबंध स्थापित किए। लेकिन सहमति से बने संबंधों की शिकायत परमेश्वरी अपने पति लालचंद को करने लगी। लेकिन लालचंद ने उसके साथ किए धोखे पर सवाल खड़े किए और उससे अलग होने की बात कही। इसके बाद परमेश्वरी ने दोनों दोस्तों को धमकी दी और तीन लाख नकद सहित पूनमचंद का मकान उसके नाम करने की बात कहने लगी। ऐसा न करने पर बलात्कार के मुकदमें में फंसाने की धमकी भी दी। इस पूरे घटनाक्रम के बाद पूनम व लालचंद ने अपने मित्र पंकज के साथ मिलकर हत्या की साज़िश रची। परमेश्वरी की एक बड़ी कमजोरी थी शराब, आरोपियों ने इसी बात का फायदा उठाने की तैयारी की। पहले उसे विश्वास में लेकर दो दिनों में पैसे देने का भरोसा दिया। इस बीच आरोपी जयपुर रोड़ की ओर रैकी करके आए और हत्या से शव ठिकाने लगाने और उसकी पहचान मिटाने तक की प्लानिंग कर ली। इसके बाद तीनों ने परमेश्वरी को पूनमचंद की टैक्सी में बिठाया और रानी बाज़ार चार नंबर रोड़ स्थित अंग्रेजी शराब के ठेके से शराब लेकर पलाना की ओर ले गये। यहां रास्ते में योजनाबद्ध तरीके से पंकज ने कम शराब पी और परमेश्वरी को अधिक शराब पिलाई। इसके बाद उसे पेट्रोल पंप से आगे देशनोक थाना क्षेत्र की सुनसान जगह ले जाकर टैक्सी स्टार्ट करने वाली रस्सी से गला घोंटकर हत्या कर दी। गला पूनमचंद व लालचंद ने घोंटा। हैवानियत यहीं नहीं रुकी। आरोपी योजना के अनुसार परमेश्वरी के शव को टैक्सी में डालकर गणेश विहार ले गये और खंडहर मकान के तलघर में जला दिया। बताया जा रहा है कि इस मकान से पचास फीट पहले ही टैक्सी रोक ली गई थी तथा वहां तक शव घसीटते हुए ले जाया गया। इसके बाद पेट्रोल छिड़ककर शव जलाया गया। बता दें कि पूनमचंद गोयल गंगाशहर विद्या विहार स्कूल के समीप का निवासी है, वहीं पंकज प्रजापत नत्थूसर बास निवासी है। मामले की आगामी जांच सीओ पवन भदौरिया कर रहे हैं। एसपी ने इस नृशंस हत्या को गंभीरता से लेते हुए कैस ऑफिसर स्कीम के तहत चयनित करने के आदेश दिए हैं। अब इस केस शीघ्र अनुसंधान पूर्ण कर स्पीडी ट्रायल होगा। इस स्कीम के तहत न्यूनतम समय में आरोपियों को सजा दिलवाई जाएगी। इसके लिए विशेष अधिकारी भी नियुक्त होते हैं।
उल्लेखनीय है कि इस नृशंस हत्या के मामले में मात्र 24 घंटे में मृतका के जले शव की पहचान से लेकर आरोपियों की गिरफ्तारी का काम पूरा कर लिया गया। इस काम को सफल बनाने वाली वाली टीम में गोविंद सिंह थानाधिकारी, उनि मंगूराम, सउनि ओमप्रकाश सिगड़, कानि बुधराम, सवाई सिंह, राकेश, सूर्यप्रकाश, अमित, अनिल व साइबर सैल के कानि दिलीपसिंह शामिल थे। एसपी प्रहलाद कृष्णियां ने इन सभी को पुरस्कृत करने की घोषणा की है।
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