09 January 2021 02:35 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। दो मुंहे सांप के नाम से प्रचलित रेड सेंड बोआ की तस्करी मामले में चेन्नई की नैलूर पुलिस ने सेंट्रल वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो की टीम के साथ मिलकर सात लोगों को दबोचा है। वहीं एक दो मुंहे सांप को भी तस्करों के चंगुल से मुक्त करवाया है।
सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार को टीमों ने एक स्टिंग ऑपरेशन कर आरोपियों को दबोच लिया। ये तस्कर रेड सेंड बोआ को सत्तर लाख रूपए में आगे बेचने वाले थे। पुलिस ने आरोपियों से दो कार, दो लैपटॉप व आठ मोबाइल भी जब्त किए हैं। आरोपियों की पहचान डी अशोक रेड्डी, बी रविन्द्र रेड्डी, वी वामसी शेखर, आर जीवन कुमार, जी गोवर्धन रेड्डी, एन मुनिकृष्णमचारी व के भास्कर के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि यह इंटर स्टेट गैंग है जो सेंड बोआ जैसे खूबसूरत सांप की तस्करी करता है।
बता दें कि रेड सेंड बोआ एक ऐसा सांप है जिसकी कीमत करोड़ों तक लगाई जाती है। कई तरह के अंधविश्वास की वजह से इस निरीह प्राणी की जान को खतरा बना रहता है। भारत, ईरान व पाकिस्तान में पाए जाने वाले यह सांप विषहीन होता है। शर्मीली प्रवृत्ति का यह सांप अधिकतर रेतीली मिट्टी में रहना पसंद करता है। यह सांप इतना सीधा होता है कि हाथ में उठा लेने पर भी कुछ नहीं करता। खास बात यह है कि आज तक इस सांप द्वारा किसी इंसान को काटने का रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है।
इस सांप का मुंह व पूंछ एक जैसे होते हैं। जब इस पर कोई हमला होता है तो यह बड़ी चतुराई से पूंछ उठाकर उसे मुंह की तरह हिलाता है, जिससे यह खुद को बचा लेता है। इसी वजह से इसे दो मुंहा सांप कहते हैं।
रेड सेंड बोआ को लेकर अलग अलग देशों में अलग अलग अंधविश्वास फैले हुए हैं।
कुछ भारतीय कबीलों का मानना है कि यदि इस सांप को विशेष क्रियाओं द्वारा अभिमंत्रित करके इसके मांस का सेवन किया जाए तो मनुष्य अलौकिक शक्तियों का मालिक बन जाता है। वहीं चीनी समाज में यह अंधविश्वास फैला है कि यदि इस सांप को खा लिया जाए तो खाने वाले व्यक्ति में इतनी सैक्स पावर आ जाती है कि वह सैकड़ों महिलाओं को संतुष्ट कर सकता है।
वहीं खाड़ी देश ऐसा मानते हैं कि इस सांप के मांस का सेवन कठिन से कठिन बीमारी को ठीक कर देता है तथा व्यक्ति हमेशा जवान बना रहता है। इसी तरह धन वर्षा, कैंसर की दवा सहित कई तरह के अंधविश्वासों की वजह से इसकी तस्करी का बाजार गर्म रहता है। बताया जा रहा है कि अमेरिका में इसकी कीमत दो हजार से तीन हजार डॉलर तक होती हैं। वहीं भारत में भी इसकी तस्करी की फिराक में लगे लोग करोड़ों की कीमत बताते पाए जाते हैं। यहां सबसे अधिक ध्यान देने योग्य बात यह है कि जिन फायदों को लेकर इस बेकसूर सांप की जान ली जाती है वह सभी फायदे महज अंधविश्वास है। इन मान्यताओं व अंधविश्वासों का कोई भी वैज्ञानिक आधार ही नहीं है।
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