26 November 2020 02:09 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। मरीजों की देखभाल व व्यवस्थाओं को लेकर कोविड अस्पताल पर लग रहे आरोपों को पॉजिटिव आए एक ही परिवार के पांच सदस्यों ने मिथक बताया है। नोखा महाविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ प्रकाश चंद्र आचार्य व उनके परिवार के सभी सदस्य 9 नवंबर को कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट हुए थे। इनमें प्रोफेसर की 87 वर्षीय मां भी शामिल थी। प्रोफेसर ने बताया कि 9 नवंबर को उन्हें एमसीएच विंग में भर्ती किया गया। लेकिन 11 नवंबर को जब उनकी मां का ऑक्सीजन लेवल कम होने लगा तो उन्हें सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक में शिफ्ट कर दिया गया। प्रोफेसर व उनके पुत्र श्रीवल्लभ को भी वहीं शिफ्ट कर दिया गया। वहीं अन्य दो सदस्य 18 नवंबर तक एमसीएच विंग में ही रहे।
प्रोफेसर का कहना है कि वें सरकारी अस्पताल में इस तरह की व्यवस्थाएं देखकर बेहद प्रभावित हुए। उन्हें ये उम्मीद ही नहीं थी कि एक सरकारी अस्पताल इतनी अच्छी देखभाल करेगा। प्रोफेसर के दोनों पुत्र बैंगलोर में इंजीनियर हैं। लेकिन कोविड की वजह से यहां आकर वर्क फ्रॉम होम कर रहे थे। प्रोफेसर के पुत्रों ने भी कोविड अस्पताल की व्यवस्थाओं की तारीफ की है। उनका कहना है कि जाते ही चैक अप किया गया। वहीं इसके बाद भी नियमित चैक अप होता। वहीं साफ सफाई भी अच्छी थी। वहीं प्रोफेसर की पत्नी डॉ तरुणा आचार्य ने चिकित्सालय के स्टाफ को हेल्पफुल बताया। आचार्य परिवार ने समस्त स्टाफ की सेवाओं के लिए उनका आभार जताया है। वहीं वीडियो के माध्यम से भी कृतज्ञता व्यक्त की है। उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रामक बीमारी है। ऐसे में जब करीबी लोग भी कोरोना पॉजिटिव से दूरी रखते हैं, डॉक्टर व चिकित्सा कर्मी सेवा कर रहे हैं, यह अपने आप में मानवता का उम्दा उदाहरण है। देखें वीडियो
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