18 May 2022 05:20 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। (पत्रकार रोशन बाफना की विशेष रिपोर्ट) खतरनाक मेडिकल नशे की गिरफ्त में आकर हमारा बीकानेर अब पंजाब बनने की ओर बढ़ रहा है। अगर जल्द ही कड़े कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले कुछ ही सालों में बीकानेर की संस्कृति सहित युवा पीढ़ी तबाह हो जाएगी। पुलिस की नाक के नीचे शहर के चप्पे चप्पे में अवैध नशे के ठिकाने पनप चुके हैं। चलती फिरती मोटरसाइकिल वाली दुकानों से लेकर स्थाई दुकानों पर नशा धड़ल्ले से बिक रहा है।
हमारी तहकीकात में सामने आया कि नयाशहर थाना क्षेत्र व सदर थाना क्षेत्र में सबसे अधिक नशा मिलता है। सदर क्षेत्र में पीबीएम होने की वजह से मेडिकल दुकानों का जाल बिछा है, यहीं से अलग अलग तरकीबों से नशीली गोलियां, नींद की गोलियां व कोडीन युक्त कफ सिरप अवैध तरीके से मार्केट में फैलता है। हालांकि नशाखोरी के अड्डों सहित नशा तस्करों के मामले में नयाशहर एक तरफ है, बाकी शहर एक तरफ हैं।
नशेड़ियों के लिए भाटों का बास, विश्नोई बास, करमीसर गांव, करमीसर रोड़, गेमनापीर रोड़, पूगल रोड़, धरणीधर रोड़, नत्थूसर गेट, जस्सूसर गेट, मोहता चौक के पास, आचार्य चौक के आस पास, सर्वोदय बस्ती, मुक्ताप्रसाद, रामपुरा बस्ती, चौखुंटी, नायकों का मोहल्ला क्षेत्र(गोगागेट), बांद्रा बास, मुख्य डाकघर के पास सहित विभिन्न इलाकों में अलग अलग नशे धड़ल्ले से मिल रहे हैं। पुख्ता सूत्रों के मुताबिक सर्वोदय बस्ती, रामपुरा व मुक्ताप्रसाद में नशे के सौदागरों ने लंबा चौड़ा जाल बिछा रखा है। इन्हीं में से एक ठिकाना विमल भवन के पीछे भी है। यहां एक मोटरसाइकिल चालक स्मैक व गांजा बेचता है। इसी तरह पूगल रोड़ में हर थोड़ी दूर में तस्कर सक्रिय हैं। कहीं कियोस्कों के पीछे, कहीं ठेकों के पीछे तो कहीं सड़कों पर नशा बेचा जा रहा है। गेमनापीर रोड़ पर तो हर प्रकार का नशा मिल जाता है। वहीं टर्माडोल जैसी खतरनाक नशे की गोलियों सहित नींद की गोलियों के लिए इन सभी क्षेत्रों के मेडिकल स्टोर पर नशेड़ी मंडराते रहते हैं। सैकड़ों मेडिकल स्टोर संचालक कुछ पैसों के लालच में अवैध रूप से नशेड़ियों को ये गोलियां बेचकर समाज की बर्बादी में भागीदार बन रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक मोहता चौक के पास एक मंदिर के पीछे भी एक तस्कर मंडराता रहता है।
---: चाय व पान की दुकानें नशेड़ियों की पहली पसंद:- पता लगा है कि शहर भर में चाय की दुकानों व पान की दुकानों पर नशे का बाजार गर्म रहता है। बड़ी संख्या में पान की दुकानें मुंबई से बीकानेर आए जानलेवा खतरनाक एमडीएमए की उपलब्धता का बड़ा ठिकाना है। एमडीएमए अधिकतर रजनीगंधा आदि पान मसालों में मिलाकर खाया जाता है। पान की दुकानों पर दोनों ही सुविधाएं आसानी से मिल जाती है। इसी तरह गांजे वाली जॉइंट सिगरेट चाय की दुकानों के साथ साथ पान की दुकानों पर भी मिलती है। वहीं चाय की दुकानों पर अफीम, गांजा आदि धड़ल्ले से मिलता है। एक सर्वे के अनुसार हाईवे की अधिकतर चाय की दुकानों व इसके आसपास मादक पदार्थ मिल जाते हैं। जस्सूसर गेट पर चाय की आड़ में लंबे समय से गांजे वाली सिगरेट मिलती है। चौंकाने वाली बात यह है कि पुलिस के अलावा सारा शहर नशा मिलने के इन ठिकानों के बारे में जानता है!
--: नशे से बेहाल युवा पीढ़ी:-- एक अनुमान के मुताबिक शहर के 16 से 30 उम्र वर्ग के बालकों व युवाओं में मेडिकल नशे का क्रेज़ बढ़ा है। एक समय भांग के अलावा कोई नशा शहर की रगों में नहीं हुआ करता था। वहीं अब नशीली गोलियों, नींद की गोलियों, कोडीन सिरप, गांजा, स्मैक, एमडीएमए जैसे खतरनाक नशे ने शहर को बुरी तरह से जकड़ लिया है। हालात यह है कि उगती उम्र के ये सूरज नशे की काली छाया से ग्रहणित हो चुके हैं। नशे में मदमस्त रहने वाले ये युवा ना काम धंधा कर पाते हैं और ना ही पढ़ाई। परिवार व समाज से भी दूर होने लगे हैं। नशेड़ी दोस्तों की संगत में ही इनको रंगत नजर आती है।
--: नशामुक्ति व नशा चलता है साथ साथ, नहीं छूट रही आदत:-- बीकानेर शहरभर में हजारों हज़ारों युवा नशे में इस तरह उलझ चुके हैं कि उन्हें 24 से 48 घंटे तक भी होश नहीं आ पाता। नशे में धुत्त इन बेरोजगार युवकों को लेकर समाज चिंतित है।
बहुत सारे ऐसे केस सामने आए हैं जिनमें एक तरफ परिजन नशामुक्ति की दवा दिलाते हैं। मरीज़ दवा लेता भी है, लेकिन एक दो दिन फिर ढ़ाक के तीन पात वाली कहानी हो जाती है। यहां तक कि नशा और नशा मुक्ति की दवा साथ साथ चलती है। ऐसे युवा वर्षों से समर समय पर डॉक्टरों के पास जा रहे हैं, दवा ले रहे हैं मगर नशामुक्त नहीं हो पाए। जबकि दूसरी ओर सैकड़ों युवा ऐसे भी हैं जो नशा मुक्त हो चुके हैं। चिकित्सकों का कहना है कि इन युवाओं ने दवा लेना शुरु करने के साथ ही नशा छोड़ दिया। लगातार काउंसिलिंग करवाते रहे। ऐसे में परिणाम भी आया।
--: नशे के खिलाफ जब समाज एकजुट होगा तभी इस गंदगी को समाज से साफ किया जा सकता है। युवा पीढ़ी को तबाह होने से बचाने के लिए नशा बेचने वाले तस्करों के खिलाफ एकजुट हो जाइए। अगर आपके आसपास कहीं स्मैक, गांजा, एमडीएमए, अवैध नशे की गोलियां आदि बिकती है तो पुलिस व प्रशासन को बार बार सूचित करें, ज्ञापन दें। हमें भी ऐसे तस्करों के ठिकाने बताइए। ताकि समाज को बचाने में आप भी भागीदार बन सकें। बता दें कि ख़बरमंडी न्यूज़ ने नशे के खिलाफ अभियान चला रखा है।
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