15 January 2024 11:14 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। (पत्रकार रोशन बाफना की रिपोर्ट) सरकारी बिल्डिंगों की दयनीय हालत पर सिस्टम लगातार लापरवाह बना हुआ है। हालात यह है कि वर्षों से जर्जर लाल बिल्डिंगें ठीक करवाने के नाम पर केवल बहाने ही बनाए जाते रहे हैं। यहां हर उस शख्स की ज़िंदगी दांव पर है जिसने जिंदगी बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर सरकारी नौकरी हासिल की। इसके साथ ही आम नागरिक भी खतरे में रहते हैं।
बीकानेर में ऐसी बहुत सारी लाल बिल्डिंगें हैं जो खतरे का घर है। बीकानेर संभागीय आयुक्त परिसर में भी एक ऐसी ही लाल बिल्डिंग है जो वेंटिलेटर पर है। परिसर में एक एसबीआई बैंक है। इस इमारत का ऊपरी फ्लोर बुरी तरह जर्जर अवस्था में है। यह किसी भी पल ध्वस्त हो सकता है। यहां 2 साल पहले तक पुलिस की लीव रिजर्व शाखा का कार्यकाल लगता था। बाद में बिल्डिंग की हालत देखकर यह फ्लोर खाली कर दिया गया। मगर इसके नीचे के हिस्से में बैंक धड़ल्ले से चल रहा है। बैंक के कर्मचारी सुबह से शाम खतरे में है। तो वहीं इस बैंक में आने जाने वाले लोग भी खतरे में है। हालांकि बैंक ने थोड़ी मरम्मत करवा रखी है मगर ऊपर का हिस्सा गिरा तो बैंक के भी मलबे में तब्दील होते देर ना लगेगी। अब सवाल यह है कि आख़िर सिस्टम इस बिल्डिंग को गंभीरता से क्यों नहीं ले रहा? यह महज एक संपत्ति की सुरक्षा का सवाल नहीं है बल्कि बैंक में काम करने वाली व आने जाने वाली कई ज़िन्दगियों की सुरक्षा का सवाल है।
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