06 May 2020 11:55 AM

	
				  
				      	 
			     
	
				  
				      	 
			     
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। लॉक डाउन की वजह से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दी जा रही शिक्षा का विरोध होने लगा है। लेकिन बच्चों के भविष्य के चिंता से अभिभावकों का यह विरोध स्कूल तक नहीं पहुंच पा रहा है। इन दिनों स्कूलों द्वारा प्राइमरी से लेकर बड़ी क्लास तक के सभी बच्चों को ऑनलाइन एजुकेशन दी जा रही है। प्राइमरी के बच्चों को सप्ताह में दो दिन की क्लास दी जा रही है। इसके तहत तीस-तीस मिनट के यूट्यूब वीडियो दिए जाते हैं,जिन्हें इन दुधमुंहे बच्चों को दिखाना होता है। वहीं तीसरी कक्षा व इससे ऊपर की कक्षाओं के बच्चों की प्रतिदिन तीन घंटे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से क्लास लगती है। इस तरह की क्लास से बच्चों की आंखें खराब होने का डर जहां अभिभावकों को सता रहा है तो वहीं तीन घंटे की वीसी में खर्च होने वाला इंटरनेट डेटा भी बड़ी समस्या बन रहा है। वहीं कुछ अभिभावकों का कहना है कि प्राइमरी के बच्चों को अभी ऑनलाइन एजुकेशन दे रहे हैं, अगर बाद में रिविजन नहीं करवाया तो वे सारी मेहनत बेकार हो जाएगी। बता दें कि कोरोना इमरजेंसी ने जहां दैनिक चर्या के तौर-तरीकें बदल दिए हैं, तो वहीं चुनौतियां भी पैदा कर दी है। देखा जाए तो यह समय करीब करीब छुट्टियों का रहता है। ऐसे में ऑनलाइन एजुकेशन की आवश्यकता नज़र नहीं आ रही। वहीं जुलाई तक अगर स्थितियां नियंत्रित नहीं होती है, तब ऑनलाइन एजुकेशन का विकल्प अपनाना सही फैसला हो सकता है।
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