04 October 2021 03:54 PM
-रोशन बाफना की रिपोर्ट-
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। नयाशहर थाना क्षेत्र में क्रिकेट सट्टा ही नहीं बल्कि पर्ची सट्टा यानी घड़िया भी हजारों गरीबों का खून चूस रहा है। अंकों के इस खेल में मजदूर वर्ग से लेकर पूंजीपति तक हर कोई दांव लगाता है। जिसमें 70 से 80 प्रतिशत दांव गरीब ही लगाते हैं। 10 रूपए से लाख रूपए तक का घड़िया लगाया जाता है। आजतक कोई गरीब इस खेल में दांव लगाकार पूंजीपति तो नहीं बन पाया मगर पूंजीपति बनाने का लालच पैदा करने वाला यह खेल गरीबों के चूल्हे बुझाने का काम जरूर कर देता है। इस बड़े खेल में ना गणेश जी की कृपा होती है, ना राम मिलता है मगर दांव लगाने वालों के मोर जरूर बोल जाते हैं। एक अनुमान के अनुसार केवल नयाशहर थाना क्षेत्र में हर दिन करोड़ों का खेला हो जाता है।
नयाशहर थाना क्षेत्र के करीब 20 से 25 ठिकानों पर खुल्लमखुल्ला घड़िया लगता है। सूत्रों के मुताबिक नत्थूसर गेट पर घड़िया लगाने के पांच ठिकाने हैं। यहां मिठाई की दुकान पर घड़िये का स्वाद चखाया जाता है तो वहीं बिजली घर के पास भी लंबी कतार लगती है। दूसरा ठिकाना जस्सूसर गेट पर है। यहां भी दो ठिकाने सामने आए हैं, जहां खुल्लमखुल्ला घड़िया लगाया जाता है। तीसरा ठिकाना दम्माणी चौके के पास लुहार बस्ती के सामने जनेश्वर मंदिर के पास है। ये घड़िये का बड़ा ठिकाना है, यहां छोटे मोटे 20-25 पंटर पर्ची जमा कराते हैं। इसके अतिरिक्त पूगल बस स्टैंड पर घड़िये का बड़ा अड्डा है। पूगल रोड़ की 7-8 दुकानों व ठिकानों पर भी धड़ल्ले से घड़िया चलता है। रजवाड़ा के सामने मुक्ताप्रसाद में भी तीन ठिकाने जोरों पर है। इसके अतिरिक्त छिपे हुए ठिकाने भी खूब हैं।
जानकारों के मुताबिक घड़िये के इस खेल में प्रतिदिन आठ बैटिंग होती है। आठ बार की बैटिंग में करोड़ों के दांव लग जाते हैं, यानी गरीबों के करोड़ों रूपयों की ठगाई होती है। अगर प्रतिदिन कम से कम एक करोड़ भी लूटे जाते हैं तो केवल नयाशहर इलाके के घड़िया बुक्की हर माह कम से कम तीस करोड़ व हर साल 365 करोड़ रूपए ठग लेते हैं।
चौंकाने वाली बात यह है कि अधिकतर बाजार को घड़िये के इन ठिकानों की जानकारी है। सूत्रों का दावा है कि पुलिस व पुलिस के मुखबिरों की पैनी नजर से ये ठिकाने बचे हुए नहीं है।
बता दें कि सामाजिक बुराई माने जाने वाले जुए सट्टे से प्रत्यक्ष तौर पर केवल सामान्य आर्थिक नुकसान होता है, मगर अप्रत्यक्ष तौर पर यह एक दलदल है, जिसमें फंसा इंसान 10-20 रूपए सैकड़ा ब्याज पर पैसा लेने से लेकर मादक पदार्थों की तस्करी आदि अनेक अपराध करने पर मजबूर हो जाता है।
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