25 April 2020 11:41 PM

ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। कोरोना महामारी से जंग में लागत मूल्य पर कोरोना डायग्नोस्टिक सेंटर व प्लाज्मा थैरेपी सेंटर का प्रस्ताव राजस्थान सरकार को दिया गया है। जयपुर निवासी माइक्रो बॉयोलॉजिस्ट डॉक्टर यूद्धवीर बलवदा ने इस सेवा कार्य के प्रस्ताव में सरकार के साथ काम करने की इच्छा जताई है। ख़ास बात यह है कि डॉ युद्धवीर ने सरकार से सिवाय सरकारी जगह व परमिशन के कुछ भी नहीं मांगा है। ख़बरमंडी न्यूज़ को डॉक्टर युद्धवीर ने बताया कि उनके राजस्थान भर में बारह डायग्नोस्टिक सेंटर चल रहे हैं। वहीं राजस्थान में कोविड 19 के लिए एक भी डायग्नोस्टिक सेंटर नहीं है। वहीं आईसीएमआर ने पूरे देश में करीब दस लैब को अप्रूवल दे दिया है। इस सेंटर की लागत दो करोड़ रुपए आएगी। लेकिन सरकार को स्थान मुहैया करवाना है, सारा पैसा युद्धवीर देंगे। बताया जा रहा है कि कोविड टेस्टिंग की सरकारी रेट साढ़े चार हज़ार तय है मगर वे यह जांच तीन हज़ार के लागत मूल्य पर ही करेंगे। डॉ युद्धवीर ने कहा है कि अगर सरकार पीपीई मोड पर तैयार होती है तो जब तक कोरोना महामारी के रूप में चलेगी तब तक वह लागत मूल्य पर जांच करेंगे। इसके अलावा प्लाज्मा थैरेपी का सेंटर खोलने के लिए भी युद्धवीर तैयार हैं। उन्होंने सरकार को प्रस्ताव दिया है कि करीब चालीस लाख की लागत में तैयार होने वाला प्लाज्मा थैरेपी सेंटर भी वह स्थापित कर देंगे। बस सरकार को स्थान मुहैया करवाना होगा। बता दें कि दिल्ली में प्लाज्मा थैरेपी से मरीज़ ठीक हो चुके हैं। डॉक्टर युद्धवीर के अनुसार जब तक किसी महामारी की वैक्सीन नहीं आती तब तक रामबाण के रूप में प्लाज्मा थैरेपी 1916 से काम में ली जा रही है। जानकारी के अनुसार जो कोरोना मरीज़ ठीक हो जाता है, उसके ब्लड सीरम से एंटी बॉडी निकालकर गंभीर मरीज़ को इंजेक्ट किया जाता है। हालांकि इसमें मरीज का वायरल लोड भी देखा जाता है। ऐसे में प्लाज्मा थैरेपी से कोविड से होने वाली मृत्यु दर पर विजय पाई जा सकती है। बता दें कि राजस्थान में कोविड की जांच आदि को लेकर फिलहाल मेडीकल कॉलेजों व बड़े सरकारी अस्पताल के अलावा कहीं कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में डॉ युद्धवीर का यह प्रस्ताव अगर सरकार स्वीकार करती है तो कोरोना के खिलाफ युद्ध में विजय आसान हो जाएगी।
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