29 September 2020 10:01 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। बेटियों को कम आंकना ही हमारी भूल है। हम पैसे के लिए लक्ष्मी, विद्या के लिए सरस्वती और रक्षा के लिए दुर्गा की शरण जाते हैं, फिर बेटियों को कम मान लेते हैं। लेकिन बीकानेर की बेटी प्रेक्षा बोथरा ने यह साबित कर दिया है बेटियां बेटों से कतई पीछे नहीं हैं। कोरोना महामारी के इस बुरे दौर में जब मरीज़ मर रहे हैं, तब प्लाज्मा डूबते को तिनके का सहारा जैसा है। प्रेक्षा ने आज प्लाज्मा डोनेट किया। प्रेक्षा बीकानेर की पहली महिला डोनेटर है। इससे पहले सभी डोनेटर पुरुष थे।
बता दें कि 15 अगस्त को प्रेक्षा की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। बुलंद हौसलों से उसने कोरोना को हरा दिया और घर लौट आई।
लेकिन कुछ समय बाद प्रेक्षा की मां पॉजिटिव हो गईं। मां की तबीयत बिगड़ी तो एक डोनर ने प्लाज्मा देकर उनकी जान बचाई। उसी समय प्रेक्षा, उसके भाई व चाचा अनिल बोथरा ने प्लाज्मा डोनेट करने का संकल्प कर लिया। आज जब प्लाज्मा दे सकने का समय हुआ तो तीनों ने प्लाज्मा डोनेट किया। प्रेक्षा महाराजा गंगा सिंह यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी विषय में एम ए की शिक्षा ले रही हैं। वहीं भाई अरुण बोथरा एमबीए का विद्यार्थी है। ख़बरमंडी न्यूज़ अपील करता है कि अगर आप कोरोना पर विजय पा चुके हैं तो ज़िन्दगी बचाने के अभियान से जुड़ें। आपका प्लाज्मा एक जान नहीं बल्कि एक पूरे परिवार को बचा सकता है, इसलिए प्लाज्मा डोनेट करें। बता दें कि बीकानेर में अब तक 110 रोगियों को प्लाज्मा चढ़ाया जा चुका है। वहीं 22 यूनिट प्लाज्मा बैंक में संग्रहित है।
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