16 July 2024 06:25 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। विधानसभा व लोकसभा चुनावों के बाद अब बीजेपी से जुड़े पार्षद व नेता नगर निगम चुनाव के लिए तैयारी करने लग गए हैं। हालांकि महापौर बनने की चाह रखने वाले सभी भाजपाई अभी तक खुले मैदान में नहीं उतरे हैं, लेकिन कुछ एक ने जनता व बीकानेर की चिंता जतानी शुरू कर दी है। भाजपा संगठन भी एक बार फिर नगर निगम चुनाव जीतकर स्थानीय सरकार बनाने की कोशिश करेगा।
दावेदार कौन है इसकी बजाय सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या आगामी निगम चुनाव में भाजपा अपना बोर्ड बना भी पाएगी ? वार्डवार सर्वे से पता चला है कि महापौर सुशीला कंवर के नेतृत्व में भाजपा के वर्तमान बोर्ड ने बीकानेर की हालत दयनीय बना दी। यही कारण है कि निगम चुनाव के लिहाज से बीकानेर में भाजपा की स्थिति बेहद दयनीय है। लोकसभा व विधानसभा चुनाव में भाजपा का विजय तिलक करवाने वाली जनता निगम चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों को आइना दिखाने के मूड में हैं। हालांकि इस दयनीय स्थिति का जिम्मेदार वर्तमान बोर्ड के पार्षदों को नहीं बल्कि महापौर को माना जा रहा है। चर्चा यह है कि महापौर के करीब साढ़े चार साल के कार्यकाल में आधारभूत काम हुए ही नहीं। भाजपा व कांग्रेस के पार्षद परेशान रहे। पार्षद काम करवाना चाहते रहे लेकिन महापौर की तरफ से सपोर्ट नहीं मिला। अब तक का पूरा कार्यकाल विवादों के घेरे में रहा। अब तक 10 आयुक्त आए, लेकिन अधिकतर से खींचतान रही। विवाद मीडिया के माध्यम से पब्लिक भी होते रहे। वर्तमान आयुक्त भी पिछले 15 दिनों से छुट्टी पर हैं। वे निगम में पोस्टिंग ही नहीं चाह रहे। जनता को आशियाना बनाने की परमिशन भी नहीं दी जा रही। कहा जा रहा है कि महापौर से कहलवा दो, परमिशन दे देंगे।
धरातल पर बीकानेर की स्थिति यह हो गई है कि गली गली गड्ढों का साम्राज्य फैला हुआ है। टूटी फूटी गड्ढ़ेदार सड़कें आवागमन में परेशानी पैदा करती है। बरसात आने के बाद तो सड़क से गुजरते हुए भी डर लगता है। शहर की समुचित सफाई, सड़क, नाली व प्रकाश व्यवस्था करना ही तो निगम की सरकार के आधारभूत कार्य हैं। लेकिन आधारभूत कार्य करने में ही यह सरकार असफल रही। महापौर सुशीला कंवर का कार्यकाल इतना पिछड़ा हुआ रहा है कि बीकानेर को हर दिन भुगतना पड़ रहा है। भाजपाईयों का यह तक दावा है कि यह कार्यकाल आजादी के बाद का सबसे खराब कार्यकाल है। यह वह समय है जब निगम के पास बजट व संसाधनों की कोई नहीं होती, इसके बावजूद जनता को परेशान होना पड़ रहा है। सीवर लाइन का मुद्दा भी बड़ा है, लेकिन इस पर ध्यान ही नहीं दिया जाता। हर तरफ भाजपा है लेकिन निगम की सरकार की नाकामी इस स्तर पर पहुंच चुकी है कि बड़े से बड़े नेता के लिए भी छोटा सा काम करवाना बेहद मुश्किल है। कई बीजेपी नेता टूटी फूटी सड़कों को ठीक करवाने व नई रोड़ लाइटें लगवाने की कोशिश करते हैं लेकिन काम नहीं होता। यही कारण है कि भाजपा नेता व पार्षद चिंता में है।
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