15 September 2021 09:55 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। बीकानेर में करणी माता का निराला इतिहास रहा है। लोक श्रुति के अनुसार युद्ध के समय भी जब दुश्मन ने बीकानेर की धरती पर बम गिराए तो धमाके नहीं हुए, बल्कि बम ही मिट्टी में मिल गए। आज भी समय समय पर खेतों की मिट्टी में दबे यह बम मिलते रहते हैं। ऐसे में करणी माता के प्रति यहां अपार श्रद्धा देखी जाती है। उपनगर गंगाशहर के दो करणी भक्तों ने मां के दर्शन के लिए तीस किलोमीटर की दंडवत यात्रा पूर्ण कर श्रद्धा की एक मिसाल पेश की है। नई लाइन गंगाशहर निवासी दिनेश उपाध्याय व अनिल सोनी करणी मां की आस्था लेकर 31 अगस्त को देशनोक की ओर निकले थे। साथियों ने दोनों को मां करणी के दरबार तक पहुंचाने के लिए भरपूर सेवा की। आखिर 15 दिवस बाद मां के दर्शन की प्यास बुझी तो देशनोक में करणी मां का जयकारे गूंज उठे।
दंडवत यात्री दिनेश ने बताया कि वे दोनों गाजे बाजे व मां की पालकी के साथ देशनोक मंदिर पहुंचे। यात्रा का अनुभव अद्वितीय रहा। यात्रा कठिन थी मगर मां ने बेटों का रास्ता सरल कर दिया।
दूसरे दंडवत यात्री अनिल सोनी ने बताया कि रास्ते में दो जगह जागरण व कई जगह चिरजा का आयोजन हुआ। मां के दर्शन का उत्साह इतना था कि किसी प्रकार से कोई कठिनाई महसूस नहीं हुई।
यात्रा के सहयोगी विकास शर्मा ने बताया कि समापन पर मां करणी की पालकी निकली। प्रसाद का आयोजन भी किया गया।
यात्रा के दौरान खाटू श्याम गौ सेवा समिति के नवरत्न उपाध्याय, हरि किशन शर्मा, मदन सोनी, लक्ष्मीनारायण सोनी, लाल चंद सोनी, पवन उपाध्याय, देवीलाल उपाध्याय, अशोक सोनी आदि का सराहनीय योगदान रहा।
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