14 February 2022 08:11 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। पौंग बांध निर्माण के विस्थापितों में से 62 विस्थापित परिवारों के लिए आज करीब 45 साल बाद बीकानेर में भूमि का आवंटन कर दिया गया है। आज बीकानेर उपनिवेशन आयुक्त व संभागीय आयुक्त डॉ नीरज के पवन के निर्देश पर अतिरिक्त आयुक्त उपनिवेशन अपील राम रतन सौकरिया की अध्यक्षता में पौंग विस्थापितों की समस्याओं व बकाया प्रकरणों में पुनर्वास व भूमि आवंटन हेतु बैठक आयोजित की गई। इस दौरान पौंग विस्थापितों की समस्या पर विचार विमर्श किया गया। 62 पौंग विस्थापितों को 380 हैक्टेयर भूमि का आवंटन किया गया।
कौन है पौंग विस्थापित:- दरअसल, हिमाचल प्रदेश की ब्यास नदी पर ब्यास परियोजना के तहत पौंग बांध का निर्माण हुआ। 1961 में इस बांध का निर्माण शुरू हुआ, जो 1974 में पूरा हुआ। इसे ब्यास बांध, महाराणा प्रताप सागर आदि नामों से भी जाना जाता है।
देश के सबसे ऊंचे माने जाने वाले इस बांध के निर्माण में 90702 लोगों ने आहुति दी। ये 90702 लोग इस निर्माण की वजह से विस्थापित हो गए। इससे 339 गांव प्रभावित हुए। लंबे समय तक राजस्थान सरकार व हिमाचल सरकार के बीच इसे लेकर तनाव चला। मामला हाईकोर्ट पहुंचा, हाईकोर्ट ने दोनों सरकारों के सचिवों को इन विस्थापितों के हिमाचल में ही पुनर्वास हेतु नीति बनाने के निर्देश दिए। राजस्थान सरकार के खर्चे पर यह पुनर्वास किया जाना था। एक आंकड़े के अनुसार 2014 तक भी भूमि आवंटन के 9732 अनुरोध लंबित थे। विस्थापितों को जैसलमेर व बीकानेर के कठिन क्षेत्रों में जमीन देने की तैयारी हुई। यहां रहना आसान नहीं था। इसके लेकर भी गतिरोध उत्पन्न हुए। अब इसी मामले में 62 विस्थापितों को जमीन आवंटित की गई है।
ये थे बैठक में शामिल:- बैठक में हिमाचल सरकार की ओर से राहत एवं पुनर्वास (कांगड़ा, हिमाचल) उपायुक्त बालकृष्ण, कांगड़ा की फतेहपुर तहसील के पटवारी महेंद्र सिंह, तहसीलदार उपनिवेशन मोहनगढ़ भैराराम, तहसीलदार नाचना-2 घनश्याम गर्ग, तहसीलदार नाचना-1 नैनाराम, तहसीलदार जैसलमेर हीराराम व तहसीलदार मुख्यालय बीकानेर सीताराम शामिल हुए।
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