28 June 2021 12:37 AM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। 20वीं सदी में मानवीय मूल्यों की रक्षा की मसाल थामकर रूढ़ियों पर प्रहार करने वाले महान संत आचार्य तुलसी के 25 वें महाप्रयाण दिवस पर अनुयायियों ने भावांजलि अर्पित की। गंगाशहर स्थित शक्ति पीठ से लेकर देश-विदेश में बैठे अनुयायियों ने कोविड गाइडलाइन की वजह से अपने अपने घरों से ही भावांजलि दी। इसके तहत आचार्य तुलसी समाधि स्थल यानी नैतिकता का शक्ति पीठ पर सुबह 7 बजे से ही दूर बैठे अनुयायियों के लिए ऑनलाइन दर्शन की व्यवस्था की गई। वहीं सुबह से ही कोविड गाइडलाइन की पालना के साथ जप-तप-ध्यान की प्रक्रिया शुरू हो गई। हालांकि शक्ति पीठ पर आकर दर्शन करना प्रतिबंधित रहा।
आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान के महामंत्री हंसराज डागा ने बताया कि इस अवसर पर आचार्य तुलसी कैंसर अस्पताल में 150 रोगियों को मास्क, सैनेटाइजर, बिस्किट्स, गुरूदेव तुलसी की जीवनी संबंधित सामग्री व अणुव्रत आचार संहिता की नियमावली भेंट की गई।
इस दौरान शांति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष महावीर रांका, गणेश बोथरा, सुशील पारख, करणीदान रांका, दीपक आंचलिया व किशोर मंडल के सदस्यों ने एक एक मरीज को व्यक्तिगत तौर पर यह सामग्री भेंट की। आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान के सेवा कार्य के प्रति ड्यूटी डॉक्टरों, कर्मचारियों व मरीजों ने सराहा।
मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र डाकलिया ने बताया कि आषाढ़ी तीज के इस अवसर पर डिजिटल भक्ति संध्या का आयोजन किया गया। 'तुलसी सिमरूं तेरा नाम' भक्ति संध्या का विभिन्न सोशल मीडिया माध्यमों से सीधा प्रसारण किया गया। कार्यक्रम में भुवनेश्वर के कमल सेठिया, मुंबई की मीनाक्षी भूतोड़िया व तारा मणोट, सूरत के प्रकाश डाकलिया, जयपुर की सुधा दुगड़, अहमदाबाद के विनोद डागा व मंजू डागा, गंगाशहर के राजेंद्र बोथरा, प्रियंका छाजेड़ व कोमल पुगलिया ने भजन प्रस्तुत किए।
उल्लेखनीय है कि 23 जून 1997 आषाढ़ कृष्ण तृतीया को करीब सुबह 11:15 बजे आचार्य तुलसी का देवलोकगमन हुआ था। आज भी इसी समय दस मिनट तक देश-विदेश में बैठे अनुयायियों ने सेल्फ स्पॉट जप किया।
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