18 January 2022 08:55 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। गंगाशहर में योजनाबद्ध तरीके से चोरी की घटना को अंजाम देने वाले अभियुक्त की जमानत याचिका न्यायालय ने खारिज कर दी है। मामला नये बस स्टैंड के पीछे, टीएम ऑडिटोरियम रोड़ पर स्थित कान्हा ज्वैलर्स से जुड़ा है। 18 दिसंबर की रात बिहार मूल के दो बदमाशों ने कान्हा ज्वैलर्स के ताले तोड़े थे। आरोपियों ने यहां से करीब 3-4 किलो चांदी व 15-20 ग्राम स्वर्ण आभूषण चुराए। चोरी की पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। गंगाशहर पुलिस मामले में बिहार निवासी मोहम्मद सदाकत व मोहम्मद मोज्जम को गिरफ्तार कर लाई थी। बाद में दोनों को न्यायालय ने बीछवाल जेल भेज दिया।
जानकारी के अनुसार पहले दोनों आरोपियों की जमानत अर्जी लगाई लगाई थी। निचली अदालत ने दोनों की जमानत अर्जी खारिज कर दी। अब मोहम्मद मोज्जम की तरफ से जमानत याचिका लगाई गई। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संख्या 4 राम अवतार सोनी ने इस पर दोनों पक्षों की बहस सुनी। सुनवाई के बाद मोहम्मद मोज्जम की जमानत याचिका खारिज कर दी गई।
मामले में मोज्जम के अधिवक्ता ने उस पर पूर्व में मुकदमें ना होने का तर्क दिया। कहा कि मोज्जम से गलत बरामदगी दिखाई गई है। वह बेकसूर हैं। इस पर कान्हा ज्वैलर्स के मालिक रामकिशन सोनी की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता ने तर्क दिया कि आरोपी मोज्जम व आरोपी सदाकत दोनों बिहार के एक ही गांव के निवासी हैं। मोज्जम सदाकत को पहले से जानता है। यहां भी दोनों सीवर लाइन के कार्य में एक साथ काम कर रहे थे। सदाकत आदतन अपराधी है। उसके खिलाफ हैदराबाद, देहरादून सहित विभिन्न राज्यों में गंभीर धाराओं में मामले दर्ज हैं। यह चोरी दोनों ने योजनाबद्ध तरीके से की। दोनों ने चोरी से पूर्व दुकान की रैकी की। रैकी से लेकर चोरी की घटना तक सबकुछ सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड है। अधिवक्ता ने कहा कि चोरी हुए माल की बरामदगी भी नहीं हो पाई है। वहीं मामला न्यायालय में विचाराधीन है। आरोपी बिहार का रहने वाला है। अगर उसे जमानत मिल गई तो वह सुनवाई पर आएगा ही नहीं।
बता दें कि रामकिशन सोनी ने चोरी हुए माल की नाममात्र बरामदगी कर इतिश्री करने का आरोप भी पुलिस पर लगाया। परिवादी के अनुसार चोरी हुए माल में से 10 प्रतिशत माल ही बरामद किया गया है। जबकि पुलिस ने दोनों आरोपियों को उनके गांव पहुंचने के तुरंत बाद ही पकड़ लिया था। यहां तक कि बिहार के अखबारों में चोरों की निशानदेही पर ज्वैलर्स से माल बरामद करना बताया गया है मगर पुलिस ने उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
अब देखना यह है कि इस प्रकरण में बरामदगी बढ़ती है या पीड़ित को निराश होना पड़ता है।
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