29 April 2020 03:11 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। बार काउंसिल ऑफ राजस्थान द्वारा एक करोड़ की सहायता राशि विवादों के घेरे में फंसती जा रही है। अजमेर के बाद अब बीकानेर बार ने भी बार काउंसिल की नीति पर सवाल उठाते हुए विरोध शुरू कर दिया है। बीकानेर बार अध्यक्ष अजय कुमार पुरोहित ने सहायता राशि देने के नियमों पर असहमति जताई है। बता दें कि बार काउंसिल ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया से अनुमति अनुसार फंड से एक करोड़ की राशि करीब 1920 वकीलों में पांच पांच हजार के अनुपात में बांटने का फरमान निकाला है। वकीलों का कहना है कि बीकानेर सहित कुछ जिलों से मात्र तीस-तीस वकीलों को ही यह सहायता मिलेगी। वहीं जयपुर में करीब 75 वकील ही लाभान्वित होंगे। विरोध का कारण नियम भी बन गये हैं। वकीलों का कहना है कि वेलफेयर फंड में पैसे लेते वक्त बार काउंसिल सारे नियम भूल जाता है। वहीं जब कठिन समय में पैसे लौटाने की बारी आई तो नियमों का हवाला दिया जा रहा है। फंड के पैसे को फाइव स्टार होटलों के बिल चुकाने व विदेश यात्राओं में पानी की तरह बहाने के आरोप भी लग रहे हैं। विरोध का आलम यह है कि सोशल मीडिया पर बनें वकीलों के ग्रुपों में जमकर आग बरस रही है। नोखा रोड़ निवासी अधिवक्ता मनोज विश्नोई ने कहा है कि मदद न करनी पड़ी इसलिए नियमों को कठिन बना दिया गया है। बता दें कि लॉक डाउन से आर्थिक बदहाली झेल रहे वकीलों को उन्हीं का पैसा मदद के रूप में नहीं मिला, तो बार काउंसिल में जमा वेलफेयर फंड लौटाने की मांग उठ सकती है।
वहीं बार काउंसिल के सदस्य बीकानेर से अधिवक्ता कुलदीप शर्मा ने बताया कि फिलहाल एक करोड़ के फंड को नियमानुसार वितरित करने का प्रावधान किया गया है। इसके लिए बार एसोसिएशन के अध्यक्ष-सचिव व बीस वर्ष से अधिक की प्रैक्टिस के तीन अधिवक्ताओं की कमेटी गठित की गई है। यह कमेटी प्राप्त आवेदनों में से तीस नामों की छंटनी करेगी। बताया जा रहा है कि कार रखने वाले अधिवक्ताओं सहित दस हजार से अधिक की मासिक आय वाले अधिवक्ता यह राशि प्राप्त नहीं कर सकेंगे। वहीं जिनकी अधिवक्ताओं की पत्नी सर्विस में हैं, वे भी इसमें आवेदन नहीं कर सकेंगे। शर्मा के अनुसार लॉक डाउन खुलते ही कुछ और मदद करने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
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