12 July 2020 04:33 PM

ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार का संकट बढ़ता जा रहा है। ताज़ा मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सचिन पायलट बीजेपी के संपर्क में हैं तथा वे अपने 23 विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। हालांकि पायलट के बीजेपी में शामिल होने की बात तर्कसंगत नहीं लग रही है। बता दें कि पायलट वर्तमान में उप मुख्यमंत्री हैं, वहीं बीजेपी में शामिल होने पर उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाएगा। ऐसे में बिना किसी बड़े लाभ के बीजेपी में शामिल होने की बात तर्कसंगत नहीं लगती। हालांकि जानकारों का यह भी कहना है कि अबकी बार पायलट की लड़ाई पद की नहीं बल्कि प्रतिष्ठा और मनमुटाव से जुड़ी है। इस सियासी घमासान के बीच बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया से लेकर राजेंद्र राठौड़ व गुलाब चंद कटारिया खुले तौर पर बयान दे रहे हैं, इसके अलावा गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन मेघवाल सहित अन्य नेताओं ने भी कांग्रेस पर चीर चलाने शुरू कर दिए हैं। लेकिन इन सबके बीच चौंकाने वाली बात यह है कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे मौन हैं। उन्होंने दो दिनों में अब तक एक भी बयान इस पर नहीं दिया है। राजस्थान की राजनीति में बदलाव की सुगबुगाहट के बीच राजे का मौन कई सवाल खड़े करता है। ऐसे में इस सियासी घमासान के क्या परिणाम आते हैं यह भविष्य के गर्भ में छिपा है। अब देखना यह है कि गहलोत का सरकार को आंच न आने देने का दावा सही साबित होता है या होर्स ट्रेडिंग की बात आंतरिक कलह की कोई स्क्रिप्ट निकलती है अथवा सचिन बीजेपी में शामिल होते है या सचिन कोई नयी क्षेत्रीय पार्टी बनाते हैं। इन सबसे बड़ा सवाल यह होगा कि अगर सरकार गिरती है तो मुख्यमंत्री कौन होगा?
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