23 February 2022 06:14 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। बजट-2022 किसानों के लिए बड़ी सौगात लेकर आया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चिकित्सा व शिक्षा के अलावा कृषि व किसानों पर विशेष ध्यान दिया है। कृषि बजट अगर धरातल पर साकार होता है तो न सिर्फ किसानों को फायदा होगा बल्कि राजस्थान में कृषि के साथ साथ सौर ऊर्जा व नहर परियोजनाओं में भी फायदा होगा। गहलोत के बजट पर सबके भिन्न भिन्न मत हैं। अधिकतर लोग खुश नजर आ श्रहे हैं। हालांकि इतना विशाल बजट धरातल पर साकार करना भी बड़ी चुनौती है। अब देखना यह है कि चुनाव से पहले गहलोत सरकार बजट का कितना क्रियान्वयन कर पाती है। बहरहाल, बजट ने कृषकों के साथ साथ कृषकों से जुड़े व्यापारियों में छोटी छोटी उम्मीदें जगाई है। ज्ञात रहे कि परियोजनाओं के साथ रोजगार भी जुड़े होते हैं। ऐसे में अगर कृषकों के हित के ये काम होंगे तो रोजगार भी पैदा होंगे। हमने कृषि बजट को विस्तार से आपके समक्ष रखने का प्रयास किया है।- पढ़ें कृषि बजट
ये है कृषि बजट में खास:-
-दो हजार करोड़ की मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना को बड़ा करते हुए अब पांच हजार करोड़ रुपए का कर दिया गया है। ऐसे में अब किसानों को इस योजना का लाभ ढ़ाई गुना मिलेगा। इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु मिशन मोड पर कार्य किया जाएगा। जिसके तहत 11 मिशन निर्धारित किए गए हैं। जिसमें राजस्थान सूक्ष्म सिंचाई मिशन, राजस्थान जैविक खेती मिशन, राजस्थान बीज उत्पादन व वितरण मिशन, राजस्थान मिलेट्स प्रोत्साहन मिशन, राजस्थान संरक्षित खेती मिशन, राजस्थान उद्यानिकी विकास मिशन, राजस्थान फसल सुरक्षा मिशन, राजस्थान भूमि उर्वरकता मिशन, राजस्थान कृषि तकनीक मिशन, राजस्थान खाद्य प्रसंस्करण मिशन व राजस्थान कृषि श्रमिक संबल मिशन शामिल है। इन मिशनों के तहत ही किसानों को सिंचाई, पॉन्ड निर्माण, डिग्गी निर्माण, बीज, उर्वरक, कीटनाशी, नील गाय व पशुओं से होने वाले नुक़सान की भरपाई, तारबंदी सहित विभिन्न फसलों में अनुदान व अन्य सुविधाएं दी जाएंगी।
-राज्य में सिंचाई हेतु सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए एक लाख किसानों को सोलर पंप स्थापित करने के लिए 60 प्रतिशत अनुदान दिये जाने की घोषणा की गई है। इस पर सरकार पांच सौ करोड़ व्यय करेगी।
इसके तहत एससी व एसटी वर्ग के कृषकों को 45 हजार रूपए का अतिरिक्त अनुदान दिया जाएगा। इससे इस वर्ग के करीब पचास हजार किसान लाभान्वित होंगे। इस हेतु दो सौ करोड़ व्यय होंगे।
-किसानों के लंबित विद्युत कनेक्शन आवेदनों को अगले दो वर्ष में कनेक्शन कर निस्तारित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत 6 हजार 700 करोड़ की राशि खर्च होगी।
-17 जिलों में दिन में सिंचाई हेतु आगामी एक वर्ष में बिजली उपलब्ध करवाई जाएगी।
-ब्याज मुक्त पसली ऋण योजना का विस्तार किया गया है। अब इसके तहत 20 हजार करोड़ रूपए के ऋण वितरण का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत 650 करोड़ रुपए ब्याज अनुदान पर खर्च किए जाएंगे।
-अकृषि क्षेत्र जैसे हस्तशिल्प, लघु उद्योग, कताई बुनाई, रंगाई छपाई आदि में भी एक लाख परिवारों को दो हजार रूपए के ब्याज मुक्त ऋण वितरित की घोषणा की गई है। इसके तहत करीब 100 करोड़ रुपए ब्याज अनुदान पर खर्च होंगे।
-प्रदेश के 12 जिलों में काश्तकारों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाने हेतु लगभग 550 करोड़ रूपए की सौर ऊर्जा आधारित 37 माइक्रो सिंचाई परियोजनाओं का कार्य प्रारंभ किया जाएगा। इसके तहत 12 हजार हेक्टेयर सिंचित क्षेत्र विकसित होगा।
-जल अपव्यय को रोकने हेतु 100 बांधों व 100 शहरी तंत्रों के जीर्णोद्धार पर 800 करोड़ खर्च किए जाएंगे।
-विभिन्न जिलों में भूजल पुनर्भरण हेतु करीब 100 वाटर हार्वेस्टिंग एनिकट का निर्माण व जीर्णोद्धार किया जाएगा। इस पर 600 करोड़ खर्च होंगे।
-बांसवाड़ा की माही परियोजना के नहरी तंत्र पर 545 करोड़ खर्च होंगे।
-घाटोल बांसवाड़ा में खमेरा नहर प्रणाली में लघु सिंचाई योजना प्रथम से चतुर्थ फव्वारा सिंचाई पद्धति आधारित वितरण प्रणाली पर 100 करोड़ के कार्य होंगे।
-चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, राजसमंद, भीलवाड़ा, उदयपुर व डूंगरपुर जिलों की सिंचाई परियोजनाओं की मजबूती के लिए 200 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
-पिछली सरकार में घोषित माही परियोजना में अपर हाई लेवल नहर का निर्माण अतिरिक्त 121 गांवों को कमांड क्षेत्र में सम्मिलित करते हुए प्रारंभ किया जाएगा। इसके तहत दो हजार पांच सौ करोड़ खर्च होंगे। 338 गांवों की भूमि में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी।
-पीपरखूंट हाई लेवल केनाल का दो चरणों में निर्माण होगा। इस पर दो हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे।
-गंगनहर प्रणाली के एक लाख 20 हजार हेक्टेयर सिंचित क्षेत्र में 1 हजार 153 करोड़ की लागत से नहर एवं मोघों में पानी वितरण व नियंत्रण हेतु ऑटोमेशन का कार्य करवाना प्रस्तावित है।
-भीखा भाई सागरवाड़ा नहर बांसवाड़ा की लघु सिंचाई योजना की सप्तम, अष्टम व नवम लघु वितरिकाओं के कार्य करवाए जाएंगे।
-हरिदेव जोशी नहर तंत्र बांसवाड़ा के रखरखाव पर 120 करोड़ खर्च होंगे।
-13 जिलों के लिए पेयजल व सिंचाई से जुड़ी खटाई में पड़ी अतिमहत्वपूर्ण योजना 'पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना' पर कार्य के लिए पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना निगम की स्थापना होगी। इसके तहत आगामी वर्ष में नवनेरा, गलवा, बीसलपुर, ईसरदा लिंक, महलपुर बैराज एवं रामगढ़ बैराज के 9 हजार 600 करोड़ रूपए के काम हाथ में लिए जाएंगे।
-इंदिरा गांधी नहर परियोजना के जिर्णोद्धार व सिंचाई संबंधी कार्यों पर 1 हजार 600 करोड़ खर्च होंगे। इसके तहत जैसलमेर, फलौदी लिफ्ट, साहवा, गजनेर, कोलायत, कंवरसेन लिफ्ट, चारण वाला शाखा, आईजीएनपी, सिद्धमुख, भादरा, नोहर व तारानगर आदि में विभिन्न कार्य होंगे। बकाया कार्य भी पूरे होंगे।
-इंदिरा गांधी केनाल परियोजना के तहत जल संरक्षण व सदुपयोग को बढ़ावा देने हेतु कृषकों को माइक्रो इरीगेशन से जोड़ा जाएगा। इस हेतु किसान के खेत के कुल क्षेत्रफल का 10 प्रतिशत या अधिकतम 1 हेक्टेयर तक ड्रिप या स्प्रिंकलर से सिंचाई करने पर पचास प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी। इस पर सौ करोड़ का प्रावधान किया गया है।
-चंबल कमांड क्षेत्र के ड्रेनेज सिस्टम पर 483 करोड़ खर्च होंगे।
-पहली बार राजस्थान फीडर के पंजाब सहित सरहिंद फीडर में रिलाइनिंग के कार्यों पर 425 करोड़ व्यय होंगे।
-फिरोजपुर फीडर श्रीगंगानगर की मरम्मत हेतु 200 करोड़ खर्च होंगे।
-मरु क्षेत्र के लिए राजस्थान जल क्षेत्र पुनर्संरचना में जीर्णोद्धार पर 600 करोड़ खर्च किए जाएंगे।
-राजीव गांधी जल संचय योजना पर 2 हजार 600 करोड़ खर्च होंगे। इससे 4 हजार 500 गांवों को फायदा मिलेगा।
-220 करोड़ की लागत से करावन, मांडल, खटौटी, सोनवा, बूंदी, बारां, हनुमानगढ़, चितौड़गढ़, अजमेर, उदयपुर में मिनी फूड पार्क बनाए जाएंगे।
-ईसबगोल, जीरा, धनिया, फल सब्जी निर्यात को बढ़ावा देने के लिए 12 करोड़ की लागत से कोटा व जोधपुर में लैब बनेगी।
-100 गोदाम विहीन ग्राम सेवा सहकारी समितियों में 100 मैट्रिक टन क्षमता के गोदाम व कार्यालय बनेंगे। इस पर 87 करोड़ खर्च होंगे। वहीं 5हजार किसानों को प्याज भंडारण संरचनाओं के निर्माण हेतु 44 करोड़ रुपए का अनुदान दिया जाएगा।
-विभिन्न मंडियों में आधारभूत सुविधाओं पर 100 करोड़ खर्च होंगे।
-बीकमपुर(बीकानेर), चामूं(जोधपुर), मंडलराय में गौण मंडी, गौण मंडी सायला में अनार मंडी, भोपालगढ़ व रेवदर में कृषि मंडी स्थापित होगी। बिलाड़ा की कृषि मंडी को सौंफ मंडी घोषित किया जाएगा।
-इसके अतिरिक्त विभिन्न कृषि महाविद्यालयों सहित कृषि विज्ञान केन्द्र व पशुपालक प्रशिक्षण संस्थान खोलने की भी घोषणा की गई है।
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