18 August 2022 03:24 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। (फैक्ट चेक) एक कैफे में संदिग्ध हालत में मिले युवक युवतियों के वायरल वीडियो ने आज सुबह से ही बीकानेर पुलिस की नाक में दम कर रखा है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है, जिसमें एक कैफे में पुलिस कर्मी रेड करते दिख रहे हैं। पुलिसकर्मी कैफे के अंडरग्राउंड में जाते हैं, जहां तीन केबिन बने हैं। केबिन के कवर हटाने पर तीन जोड़े संदिग्ध हालत में मिलते हैं। रेड और संदिग्ध हालत में मिले युवक युवतियों को वीडियो में दिखाया गया है। इस वीडियो को लेकर देशभर में पुलिस ट्रोल हो रही है। लेकिन सोशल मीडिया में इस वीडियो को बीकानेर की जयनारायण व्यास कॉलोनी के एक कैफे का बताते हुए बीकानेर पुलिस को ट्रोल किया जा रहा है।
ख़बरमंडी न्यूज़ ने जब इस वीडियो को देखा तो पता चला कि इसमें जो पुलिस दिख रही है वह बीकानेर की पुलिस ही नहीं है। तहकीकात की तो सामने आया कि कुछ दिनों पहले आगरा के संजय प्लेस स्थित कॉफी कैफे हाउस पर पुलिस पहुंची थी। यहां अंडरग्राउंड में तीन केबिन बने थे। जिनमें तीन युवक व तीन युवतियां संदिग्ध हालत में मिले। संदिग्ध हालत में युवक युवतियों का वीडियो बनाया गया। वीडियो वायरल भी किया गया। हालांकि पुलिस का कहना है कि वीडियो किसी और ने बनाया था। कैफे के खिलाफ भी कार्रवाई की गई। पुलिस की इस कार्रवाई को शर्मनाक बताया जा रहा है। तीनों जोड़े बालिग थे। पुलिस ने संदिग्ध हालत का वीडियो वायरल कर जोड़ों की पहचान उजागर कर दी। यहां तक कि कार्रवाई में महिला पुलिस को भी शामिल नहीं किया गया।
मामले में एएसपी की जांच रिपोर्ट के बाद आरोपी मुख्य आरक्षी रंजीत, आरक्षी सौरभ कुमार व सिपाही ज्ञानेंद्र सिंह को निलंबित कर दिया गया। तीनों को अनुशासनहीनता, स्वेच्छाचारिता व उद्दंडता का आरोपी माना गया। प्राइवेट वीडियो वायरल करने के इस मामले में तीनों के खिलाफ विभागीय जांच भी चल रही है। बता दें कि निलंबन की कार्रवाई हुए ही करीब सात दिन हो चुके। लेकिन सोशल मीडिया पर बिना सच जानें ही बीकानेर पुलिस की कार्रवाई बताते हुए वीडियो वायरल किया जा रहा है। बीकानेर पुलिस को ट्रोल भी किया जा रहा है। वीडियो प्राइवेट है इसलिए हम वीडियो साझा नहीं कर रहे हैं।
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