19 January 2023 11:14 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। बजट सत्र से पूर्व राजस्थान प्रदेश के कर्मचारी संघों से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वार्ता की है। वार्ता उनकी वित्तीय व गैर-वित्तीय मांगों को लेकर की गई है। राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत के प्रदेश संयुक्त मंत्री प्रतापसिंह राठौड़ ने बताया कि प्रदेशाध्यक्ष केसर सिंह चांपावत ने मुख्यमंत्री के समक्ष अपना मांगपत्र प्रस्तुत किया। उन्होंने एन.पी.एस. वाले राज्य कर्मचारियों को सरकार द्वारा ओ.पी.एस. लागू करने पर प्रसन्नता जताई तथा आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि मांग पत्र के आधार पर राज्यकर्मियों को 9,18 ओर 27 तीन चयनित वेतनमानों के स्थान पर 8, 16, 24, 32 वर्ष की सेवा पर चार ए.सी.पी. देने, प्रबोधकों से पदोन्नत हुए वरिष्ठ प्रबोधकों को वरिष्ठ अध्यापक के समकक्ष माना गया। अतः इन्हें भी उच्च प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक तथा उच्च माध्यमिक विद्यालय के विषय अध्यापक के पद पर लगाने की मांग की। उन्होंने शेष रहे प्रबोधक व शारिरिक प्रबोधक की डी.पी.सी. शीघ्र करने, खेमराज रिपोर्ट की लाभकारी योजनाओं को लागू करने, महिला पर्यवेक्षकों की पदोन्नति सुनिश्चित करने तथा उनकी पदोन्नति ए.सी.डी.पी. एवं सी.डी.पी. के पद पर करने, आर्थिक रूप से शोषित कार्मिकों यथा जन योजनाकर्मी, पंचायत सहायक, एन.आर.एच.एम कर्मी, कृषि मित्र, पैराटीचर, शिक्षाकर्मी, चिकित्साकर्मी, लोकजुम्बिस, नरेगाकर्मी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायक, साथिन, आशा सहयोगिनी, कम्प्यूटर ऑपरेटर, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, जल जीवन में कार्यरत चतुर्थ कार्मिक, लिपिक, सफाईकर्मी, तकनीकीकर्मी रोजगार सहायक, कुक कम हैल्पर रसोईया, कस्तुरबा गांधी विद्यालय की अध्यापिकाएं, वार्डन रसोईया, चौकीदार इत्यादि वर्ग की मांगों पर नीति निर्धारित कर इन्हें नियमित किया जाए। संविदा नियमों में संशोधन कर सभी संवर्गों के कार्मिकों के सेवा अनुभव को समाहित किया जाए।
पैराटीचर, मदरसा पैराटीचर, शिक्षाकर्मी एवं अन्य को न्यायालय निर्णय अनुरूप समान कार्य के लिए समान वेतन लागू किया जाए। साथ ही शिक्षाकर्मियों की वर्ष 2005 से रोकी हुई सुविधा बहाल की जाए। छठे एवं सातवें वेतनमान की विसंगतियों को दूर किया जाए। टी.एस.पी. क्षेत्र में दशकों से कार्य कर रहे शिक्षक व कर्मचारियों के नॉन-टी.एस.पी. क्षेत्र में स्थानान्तरण खोले जाए। मंत्रालयिक कर्मचारियों को सचिवालय पैटर्न सुनिश्चित किया जाए। राज्यकर्मियों की सेवा अवधि की गणना समाप्त कर उनकी सेवानिवृत्ति पर अन्तिम माह के वेतन की 50 प्रतिशत राशि पेंशन निर्धारित की जाए। कर्मचारी की मृत्यु पर उसके आश्रित को दी जाने वाली अनुकम्पा नियुक्ति आश्रित की शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक योग्यता के अनुसार ही दी जाए।
महासंघ के महामंत्री जगेश्वर शर्मा ने मांगपत्र के तहत बताया कि प्रबोधकों एवं वरिष्ठ प्रबोधकों की पदोन्नति एवं पदस्थापन शिक्षकों के अनुरूप किए जाएं। साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में कार्य करने वाले कार्मिकों को विशेष ग्रामीण भत्ता देते हुए एवं मकान किराया भत्ता में वृद्धि की जाए। संस्कृत शिक्षा में वर्षों से लम्बित पड़ी डी.पी.सी. एवं रिक्त पदों पर भर्ती शीघ्र की जाए। सामान्य शिक्षा की तरह 10 प्रतिशत विद्यालय क्रमोन्नत किये जाएं। कॉलेज शिक्षा में सेवानियम 2022 के पूर्व के रिक्त पदों पर रिक्तिय वर्ष के अनुसार नियमानुसार पदोन्नति की जाए। पदों को डाइंग केडर में नहीं डाला जाए। निगम एवं बोर्ड, परिवहन एवं विश्वविद्यालय कार्मिकों के लिए आर. जी.एच.एस. योजना लागू की जाए।
वार्ता में सरकार की ओर से मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री सचिव, वित्त सचिव, कार्मिक सचिव, शिक्षा सचिव इत्यादि के साथ महासंघ की ओर से प्रदेशाध्यक्ष केशर सिंह चंपावत, प्रदेश महामंत्री जगेश्वर शर्मा, प्रदेश सलाहकार गजेन्द्र सिंह राठौड़ ने विचार रखे।
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