08 November 2021 11:37 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। शिक्षा के साथ विद्यार्थियों के चहुंमुखी विकास हेतु हमेशा कुछ नया करने के लिए विख्यात बाफना स्कूल एक बार फिर अपने नवाचार से चर्चा में है। इस बार मायानगरी के प्रसिद्ध लेखक दुष्यंत की बात बाफना स्कूल के प्रांगण में गूंजी। भाषा की सहजता में अवरोध आज के समय की सबसे बड़ी चुनौती है क्योंकि आज हम अनेक भाषाओं के साथ रह रहे हैं। बाफना स्कूल में आयोजित "शब्दों को वनवास! लेखकों के लिए चुनौतियां और अवसर" कार्यक्रम में भारत के प्रसिद्ध फिल्म राइटर, ऑथर और कॉलमनिस्ट और कार्यक्रम के मुख्य वक्ता दुष्यंत की कुछ ऐसी ही बातों ने कार्यक्रम सफल बना दिया।
बाफना स्कूल के सीईओ डॉक्टर पीएस वोहरा ने कार्यक्रम का उद्देश्य बताते हुए कहा कि बाफना स्कूल अपनी फैकल्टी का सर्वांगीण विकास करने में हमेशा अग्रसर रहता है और समय-समय पर अनेक कार्यक्रमों का आयोजन वर्ष पर्यंत करता रहता है। स्कूल फैकल्टी को एक लेखक और उसके लेखन कार्य को जानने और समझने के लिए इस प्रकार के कार्यक्रम मददगार होते हैं और उसका फायदा यकीनन विद्यार्थियों को मिलता है। इसी कड़ी में लेखन क्षेत्र के विविध माइनों को समझने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन शाला प्रबंधन द्वारा किया गया है।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता दुष्यंत ने अपने विचारों के माध्यम से एक लेखक के सामने आने वाली विभिन्न चुनौतियों और अवसरों को बताया। उन्होंने कहा कि एक लेखक को अपनी बात कहने का अवसर ढूंढना चाहिए तथा अपनी मन की खुशी के लिए लेखन कार्य करना चाहिए। एक लेखक के लिए कथ्य, भाषा और धन के बीच सामंजस्य स्थापित करने की चुनौती होती है। मन के काम और जीविकोपार्जन के पेशे के बीच में हमेशा चुनौती होती है परंतु काम के तौर पर जब शौक, जुनून और पेशा एक हो जाते हैं तो इस चुनौती से मुक्ति मुक्ति मिल जाती है। उन्होंने कहा कि कुछ काम धन के लिए होते हैं और कुछ मन के लिए, मगर मेहनत दोनों में ही लगती है और संतुष्टि तो केवल मन के काम से ही मिलती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में शुद्ध साहित्य की दुनिया में काफी बदलाव आए हैं। इसमें अनेक अवसर मौजूद है। हमें अपनी भावी पीढ़ी को इसकी तरफ मोड़ना होगा। इसके लिए स्कूलों को अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।"
कार्यक्रम में सरल विशारद, मधु आचार्य "आशावादी", राजेंद्र जोशी, राजाराम स्वर्णकार, चंद्रकुमार, अविनाश जोशी, अनुराग हर्ष, अजय जोशी, संजय पुरोहित, चंद्रशेखर श्रीमाली तथा महिपाल सारस्वत आदि मौजूद रहे।
RELATED ARTICLES
21 April 2024 07:27 PM