16 November 2022 02:39 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। (रोशन बाफना की विस्तृत रिपोर्ट) बीकानेर में एक पत्नी ने अपने पति की हत्या कर दी। जब यह राज बेपर्दा हुआ तो हर कोई हैरान रह गया। मामला महाजन थाना क्षेत्र के मनोहरिया (मनोरिया) गांव से जुड़ा है। यहां 21 जुलाई की रात गुलाम हुसैन की हत्या कर दी गई थी। उसकी पत्नी भी मामूली घायल थी। गुलाम के चाचा ने गांव के ही उस्मान, उसके भाई मुनसब सहित नौ के खिलाफ नामजद मुकदमा करवाया था। पुलिस ने सभी नौ आरोपियों को राउंड अप बार बार पूछताछ की मगर नतीजा नहीं निकला। जांच आगे बढ़ती गई। आखिर पुलिस जांच का नतीजा आ ही गया।
ये था मामला: महाजन थानाधिकारी अनिल झाझरिया ने बताया कि पुलिस जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। दरअसल, हत्याकांड की जड़ उस्मान के फोन कॉल है। गुलाम के दो बेटियां व एक बेटा है। गांव का उस्मान गुलाम की एक बेटी को फोन किया करता था। यह बात गुलाम को पता चली तो उसने उस्मान के खेत जाकर उस्मान से मारपीट की। गुलाम के साले ने उस्मान की भाभी को चांटा जड़ दिया। घटना के बाद उस्मान की मां थाने पहुंच गई। पुलिस ने गुलाम को धारा 151 के तहत गिरफ्तार कर लिया। अगले दिन उसी जमानत भी हो गई।
इसके बाद दोनों पक्षों की पंचायत बैठी। पंचायत में गुलाम ने गलती स्वीकार कर ली। उस्मान को 40 हजार रूपए देने की बात भी तय हुई। मगर उस्मान की भाभी के पिता ने बदला लेने की बात भी की बताते हैं।
उसकी रात गुस्साए गुलाम ने अपनी बेटी के साथ मारपीट की। उसे चांटे मारे। पत्नी गोगी ने बेटी को यह कहते हुए मौसी के घर भगा दिया कि चली जा वरना तेरे पिता आज तुझे मार डालेंगे। बेटी तो चली गई मगर विवाद अब माता पिता के बीच बढ़ गया। दोनों में विवाद बढ़ता गया। गुस्साए गुलाम ने पत्नी गोगी का सिर दरवाजे से भिड़ा दिया। गुस्साई पत्नी ने गुलाम को धक्का देकर पटक दिया। गुलाम वापिस उठता उससे पहले ही उसने कुल्हाड़ी के पीछे वाले हिस्से से कच्चे मगज(सिर के पीछे का हिस्सा जिसे छोटा दिमाग बोलते हैं) पर वार कर दिया। गुलाम गुमसुम सा हो गया। गोगी ने हल्ला मचाया, सभी आ गए। गांव के किसी व्यक्ति के वाहन में गुलाम को सीएचसी ले जाया गया। उसकी पल्स सामान्य थी। तीन टांके लगाए गए। इसके बाद उसे उल्टी हुई तो चिकित्सकों ने उसे पीबीएम रैफर कर दिया। रास्ते में टोल प्लाजा के पास गुलाम ने शंका जाहिर की। वह गाड़ी से उतरा तो बेहोश हो गया। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। यहां तक गोगी को उसकी मौत की ख़बर ना थी। गोगी के भी तीन टांके लगे। उसे तुरंत ही छुट्टी दे दी गई। लौटते वक्त लूणकरणसर में चालक ने गुलाम की मौत की जानकारी उसे दी।
थानाधिकारी के अनुसार गोगी ने यहां सारी कहानी रच दी। उसने बताया कि वह सभी रात को सो रहे थे। इसी दौरान उस्मान सहित नौ लोग दीवार फांदकर घर में घुस आए। आरोपियों ने गुलाम पर हमला कर दिया। वह बीच में आई तो उसे भी मारा।
थानाधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि उन्होंने सभी नौ आरोपियों को राउंड अप कर बार बार पूछताछ की। सभी के बयान हर बार एक जैसे आते। घटना के वक्त सभी की लोकेशन निकलवाई गई। मोबाइल लोकेशन भी वही आई जो आरोपी पुलिस को बता रहे थे। इनमें से एक व्यक्ति तो उस समय पीलीबंगा था। दूसरी बात गोगी ने कहा था कि आरोपी दीवार कूदकर आए थे। दीवार मापी गई तो वह 11 फीट तीन इंच की थी। इतनी ऊंची दीवार से नीचे कूदना आम बात नहीं होती। दीवार के नीचे की मिट्टी इतनी मुलायम थी कि चलने पर भी गढ्ढ़े हो रहे थे। मगर घटना के बाद पुलिस जांच के दौरान वहां सामान्य निशान भी ना मिले। अगर 9 जने दीवार कूदते तो गहरे पदचिन्ह स्पष्ट होते। पुलिस ने गोगी को थाने बुलाया। मगर वह चक्कर आने के बहाने बनाने लगी। आखिर पूछताछ में उसने जुर्म कबूल कर लिया। पुलिस का कहना है कि इस दरम्यान गोगी ने अपनी बेगुनाही के सबूत बनाने के प्रयास भी किए।
पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भिजवा दिया है। उसके खिलाफ हत्या की धारा 302 आईपीसी में जुर्म प्रमाणित माना गया है।
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