11 January 2022 07:44 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। बीकानेर अनाज मंडी में आने वाले व्यापारियों व किसानों से पैसे ठगकर व्यापारियों की नींद उड़ाने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह के बदमाशों को बीछवाल पुलिस व डीएसटी ने दबोच लिया है। सोमवार अपराह्न 12 बजे इन बदमाशों ने लिखमीसर उतरादा सैरूणा निवासी 26 वर्षीय देवाराम पुत्र ईश्वराम तर्ड से 1 लाख 90 हजार रूपए की ठगी की थी। वहीं डेढ़ माह पूर्व कानपुर से बीकानेर आए व्यापारी राजकुमार पोरवाल से भी करीब सवा दो लाख रूपए की ठगी इसी तरह की थी। बीछवाल थानाधिकारी मनोज शर्मा के अनुसार दो बदमाश हत्थे चढ़े हैं। आरोपियों की पहचान राणा का तालाब, बोराज रोड़, फाय सागर, कीर्तिनगर, अजमेर निवासी 55 वर्षीय यायर बेग पुत्र हिम्मत अली शिया व मदारमंडी चुन्ने भट्टी, जन्नत नगर, धारवाड़, कर्नाटक निवासी 30 वर्षीय सलीम शेख पुत्र राजे साहब के रूप में हुई है। इन दोनों वारदातों में इनके चार अन्य साथी भी शामिल रहे थे। उनकी तलाश की जा रही है। प्राथमिक जांच में सामने आया है कि यह एक अंतर्राज्यीय ठगी गैंग है। पूछताछ में इनके द्वारा राजस्थान सहित गुजरात, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश व दिल्ली में की गई वारदातें भी उजागर होगी।
ऐसे करते हैं वारदात: बदमाश मंडी में फसल बेचने आने वाले किसानों व फसल खरीदने आने वाले बाहरी व्यापारियों पर नजर रखते हैं। उनकी रैकी की जाती है। बदमाश इतने शातिर है उसी लोकेशन पर ठगी करते हैं जहां सीसीटीवी नहीं लगे हों। इनमें कुछ बदमाश पहले रैकी करते हैं। गैंग के दो सदस्य मोटरसाइकिल पर नकली पुलिसकर्मी बनकर आते हैं। वे किसान अथवा व्यापारी को खुद को पुलिस बताते हुए कहते हैं कि उनके पास हथियार अथवा ड्रग्स होने की सूचना मिली है। इस बहाने से टारगेट का बैग चैक करने हेतु लेते हैं। फिर पैसे निकालकर बैग वापिस दे देते हैं। पैसे इतने सफाई से निकाले जाते हैं कि उनके जाने के बाद टारगेट को पता चलता है कि उसके साथ ठगी हो चुकी है।
बीकानेर अनाज मंडी में दो वारदातें: इस गैंग के बदमाशों ने सोमवार को देवाराम तर्ड के साथ एक लाख नब्बे हजार रूपए की ठगी की थी। वह 112 नंबर पर मूंगफली की फसल बेचकर गया था। सोमवार इसी का बकाया पेमेंट लेने आया। जैसे ही वह 1 लाख 90 हजार रूपए का भुगतान प्राप्त कर निकला, मोटरसाइकिल पर सवार होकर आए इन बदमाशों ने पूछा कि मास्क क्यों नहीं पहना है। फिर कहा कि हथियार तस्करी करने आए हो। इस तरह से खुद को पुलिस बताते हुए बैग चैक किया। उनके जाने के बाद किसान को पता चला कि उसके साथ ठगी हो गई। 27 नवंबर को इसी लोकेशन पर बदमाशों ने इसी तरीके से राजपुर, कानपुर निवासी राजकुमार पोरवाल से सवा दो लाख रूपए की ठगी की थी। व्यापारी राजकुमार बीकानेर में खरीद करने आया था।
ऐसे आया पकड़ में: बदमाश मंडी में ठगी कर फरार हो गए। सूचना पर बीछवाल थानाधिकारी मनोज शर्मा मय टीम मौके पहुंची। डीएसटी को भी एक्टिव किया गया। आसपास के सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि बदमाशों ने नोखा रोड़ पकड़ ली है। बीछवाल थानाधिकारी मनोज शर्मा, साईबर सैल के दीपक यादव, डीएसटी के सवाई सिंह आदि नोखा की ओर रवाना हुए। नोखा पुलिस को भी सूचित किया गया मगर आरोपी नागौर की निकल गए। पुलिस ने दोनों आरोपियों को नागौर से दबोच लिया।
पुलिस ने सख्ती तो बदमाशों ने की अपने गुनाहों की उल्टी:- बदमाश वारदात के 24 घंटे के अंदर ही पुलिस के हाथ तो आ गए मगर सामान्य पूछताछ में कुछ नहीं बताया। पुलिस ने जब सख्ती दिखाई तो बदमाशों ने जुर्म स्वीकार कर लिया। प्राथमिक पूछताछ में आरोपियों ने गुजरात, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश व दिल्ली में भी वारदातें करना स्वीकार किया है। अब पुलिस बीकानेर की वारदातों में शामिल रहे अन्य चार बदमाशों को गिरफ्तार करने के प्रयास करेगी। वहीं अन्य राज्यों में इस गैंग का बड़ा नेटवर्क होने का अंदेशा है। पूछताछ में कई गहरे राज भी सामने आ सकते हैं। सवाल यह है कि इतने सटीक टारगेट पहचानने में किसी लोकल व्यक्ति की भी भूमिका तो नहीं।
-मनोज शर्मा व डीएसटी का कॉम्बिनेशन पिछले ढ़ाई साल से बिगाड़ रहा बदमाशों के टेस्ट: पिछले ढ़ाई साल में बीकानेर में हुई अधिकतर बड़ी वारदातें ट्रेस करने में डीएसटी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इस डीएसटी की सफलता में बीछवाल थानाधिकारी मनोज शर्मा की भूमिका भी लगातार देखी जा रही है। सूत्रों के मुताबिक शर्मा व साईबर सैल के दीपक यादव तकरीबन हर सफलता में मील के पत्थर साबित होते आ रहे हैं।
इन दोनों ठगों को दबोचने में मनोज शर्मा व डीएसटी के कांस्टेबल सवाई सिंह राईका की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
ये थी बदमाशों की किस्मत बिगाड़ने वाली टीम: आईजी प्रफुल्ल कुमार व एसपी योगेश यादव के निर्देशन में एएसपी अमित कुमार व सीओ पवन भदौरिया के सुपरविजन में थानाधिकारी मनोज शर्मा, डीएसटी प्रभारी सुभाष बिजारणियां, एएसआई गुमानाराम, एएसआई डीएसटी रामकरण सिंह, हैड कांस्टेबल दीपक यादव डीएसटी, हैड कांस्टेबल ओमसिंह, हैड कांस्टेबल प्यार सिंह, कांस्टेबल अमृतलाल, कांस्टेबल श्योपत व डीएसटी के हैड कांस्टेबल कानदान सांदू, अब्दुल सत्तार, कांस्टेबल सवाई सिंह राईका, लखविंद्र सिंह शामिल थे।
RELATED ARTICLES