06 October 2023 12:11 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। (पत्रकार रोशन बाफना की विशेष रिपोर्ट) विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस से टिकट चाहने वाले दावेदारों की छंटनी लगातार जारी है। जैसे जैसे समय नजदीक आ रहा है, वैसे वैसे दावेदारों के प्रयास तेज हो रहे हैं। बात बीकानेर शहर की करें तो दोनों विधानसभाओं में संख्या के लिहाज से कोई ख़ास टक्करबाज सामने नहीं आए हैं। बीकानेर पश्चिम विधानसभा से मंत्री डॉ बीडी कल्ला, ओएसडी लोकेश शर्मा, राजकुमार किराडू सहित गुलाम मुस्तफा अपनी दावेदारी करेंगे। लोकेश व मुस्तफा पूर्व से भी दावेदारी कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त अरुण व्यास भी टिकट चाह रहे हैं। इसी तरह विधानसभा पूर्व से यशपाल गहलोत, कौशल दूगड़ सहित नगेंद्र पाल सिंह शेखावत, अरविंद मिड्ढा, सुनीता गौड़, सुमित कोचर, डॉ पीके सरीन आदि दावेदारी जता रहे हैं। हालांकि कुछ दिनों पहले आवेदन करने वालों की संख्या करीब 16 थी।
पश्चिम विधानसभा से मजबूत दावेदारों की गिनती में डॉ बीडी कल्ला व मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा का नाम है। पिछले कुछ माह से लोकेश शर्मा ने बीकानेर में प्रचार प्रसार शुरू कर रखा है। शर्मा के भीलवाड़ा से टिकट मांगने की बात भी वायरल है मगर इस वायरल बात का सिरे से खंडन किया जा रहा है। यह भी बता दें कि शर्मा पश्चिम के साथ साथ विधानसभा पूर्व को भी विकल्प मानते हैं। वहीं डॉ बीडी कल्ला की टिकट को लेकर कल्ला खेमा फुल कॉन्फिडेंस में है। हालांकि शर्मा की बीकानेर एंट्री के बाद कल्ला के सिर पर टेंशन के बादल भी दिखाई दिए हैं। दूसरी तरफ शर्मा की दावेदारी इसलिए भी कल्ला के लिए संकट मानी जा रही है कि शर्मा सीएम के ओएसडी हैं। वे वर्किंग डे पर भी बीकानेर प्रचार प्रसार हेतु आते रहे हैं। बिना सीएम की अनुमति व सहमति शर्मा का बीकानेर प्रचार प्रसार करना मुमकिन नहीं लगता है। इस तर्क से माना जा रहा है कि कल्ला को इस बार जयपुर से चुनाव लड़ना पड़ सकता है। हालांकि राजनीति में कल्ला का भाग्य प्रबल रहा है। ऐसे में अंतिम फैसला तो समय और भाग्य ही करेगा। इसके अतिरिक्त राजकुमार किराडू भी ख़ासे एक्टिव हैं। वे पिछले लंबे समय से बीकानेर पश्चिम में सक्रिय हैं। वहीं गुलाम मुस्तफा की बात करें तो महज अल्पसंख्यक होने के अलावा उनकी दावेदारी किसी भी एंगल से दमदार नहीं प्रतीत होती। अरुण व्यास की बात करें तो वह अभी अस्तित्व की लड़ाई ही लड़ रहे हैं। ऐसे में टिकट की दावेदारी में वह अभी बेहद पिछले हुए हैं।
विधानसभा पूर्व से यशपाल गहलोत व कौशल दूगड़ की दावेदारी में दम लगता है। बहरहाल, तर्क यह दिया जा रहा है कि गहलोत को पार्टी ने खूब दिया है। दूसरी तरफ जातीय समीकरण की बात भी मुखर है। माना जा रहा है कि इस कांग्रेस विधानसभा पूर्व से वणिक समुदाय को ही मौका देगी।पिछली बार कन्हैयालाल झंवर को मौका मिला था। इस बार किसी अन्य को मिल सकता है।इस एंगल से भी दूगड़ का पलड़ा भारी नज़र आ रहा है। इसके अतिरिक्त अरविंद भी थोड़े दमदार दावेदार लगते हैं मगर जातीय समीकरण में उनकी फिटिंग सही नहीं मानी जा रही है। इसके अतिरिक्त नगेंद्र पाल, सुमित कोचर व सुनीता गौड़ भी दम लगा रहे हैं।
अभी तक के समीकरणों में पश्चिम से कल्ला और शर्मा सबसे मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। वहीं तीसरे नंबर पर राजकुमार किराडू हैं। विधानसभा पूर्व से कौशल दूगड़ व गहलोत दमदार दावेदार लगते हैं। अब देखना यह है कि राजनीति का ऊंट किस करवट बैठता है। फिलहाल सभी किस्मत से अपना कनेक्शन जोड़ने में लगे हैं।
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