07 July 2022 12:46 AM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। बीकानेर के आकाश इंस्टीट्यूट द्वारा लुभावने विज्ञापनों के माध्यम से किए जा रहे दावे जिला उपभोक्ता मंच के एक आदेश को पढ़ने के बाद अब झूठे प्रतीत होने लगे हैं। जिला उपभोक्ता मंच ने हाल ही में आकाश इंस्टीट्यूट की सेवाओं में कमी मानते हुए उसके खिलाफ जुर्माना लगाया है। मामला कृष्ण कुमार भाटी से जुड़ा है।
एडवोकेट अनिल सोनी के अनुसार उनके मुवक्किल कृष्ण कुमार पुत्र हरीश भाटी ने आकाश इंस्टीट्यूट के लुभावने विज्ञापन देखकर वहां एडमिशन लिया था। उस समय कोरोना काल चल रहा था। एडमिशन लेने से पहले इंस्टीट्यूट ने उच्च गुणवत्ता के साथ शिक्षा देने का मौखिक वादा किया था। 8 सितंबर 2020 को 22700 रूपए जमा करवाकर एडमिशन प्रक्रिया पूर्ण की गई थी। इसी दिन ऑनलाइन क्लास शुरू हो गई। एडमिशन के समय विद्यार्थी ने बताया था कि वह फिजिक्स विषय में कमजोर है, उस पर विशेष ध्यान दिया जाए।
परिवादी ने आरोप लगाया था कि इंस्टीट्यूट अपने वादों पर खरा नहीं उतरा। इस दौरान तीन अक्टूबर तक शिक्षा ली गई। तीन बार क्लास लगी मगर तीनों बार ही शिक्षक अलग अलग थे। भाषा शैली समझ से बाहर थी। उच्च क्वालिटी के सिस्टम के बजाय सामान्य मोबाइल से ही क्लास ली जाती। विद्यार्थी परेशान होने लगा, 6 अक्टूबर को इंस्टीट्यूट को शिकायत भी की गई। समाधान ना होने पर अभिभावक ने कृष्ण का एडमिशन अन्य इंस्टीट्यूट में करवा दिया।
इसके बाद पीड़ित पक्ष ने जिला उपभोक्ता मंच की शरण ली। मंच ने सबूतों के अवलोकन तथा दोनों पक्षों की सुनवाई करने के बाद अब आकाश इंस्टीट्यूट को दोषी माना है। मंच ने अपने आदेश में कहा कि परिवादी ने परिवाद पत्र में वर्णित किए कथन एवं तथ्यों के समर्थन में विपक्षी आकाश इंस्टीट्यूट बीकानेर द्वारा जारी विज्ञापनों की प्रतियां पेश की है। जिसमें विपक्षी आकाश इंस्टीट्यूट द्वारा अच्छा अध्ययन कराने हेतु आकर्षक लड़के लड़कियों के चित्र दिखाकर भ्रमित करने वाले विज्ञापन जारी किए हैं।
मंच ने आकाश इंस्टीट्यूट व अन्य को आदेश दिया है कि विपक्षीगण एक माह के भीतर संयुक्त रूप से या पृथक पृथक रूप से परिवादी को ट्यूशन फीस के पेटे दस हजार रूपए, जमा सिक्योरिटी राशि पांच हजार रूपए तथा सेवा दोष एवं अनुचित व्यापारिक व्यवहार से पहुंची मानसिक व शारीरिक क्षतिपूर्ति के पांच हजार व परिवाद व्यय के 5 हजार सहित कुल 25 हजार रूपए परिवादी को जरिये संरक्षक अदा करें। निर्णय की पालना एक माह के भीतर ना होने पर 9 प्रतिशत की दर से ब्याज भी देय होगा।
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