19 September 2021 01:08 PM
-रोशन बाफना की रिपोर्ट
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। बीकानेर में मौत के ब्याज का धंधा आखिरकार ज़िन्दगियां छीनने लगा है। सिस्टम की अनदेखी की वजह से हर तरफ अपने पैर पसार चुके मौत के ब्याज माफिया ने जिले के लाखों लोगों का जीना दुभर कर रखा है। फड़ बाजार के दुकानदार दिलीप उर्फ दीपक कालरा के आत्महत्या प्रकरण ने एक बार फिर पुलिस की मौजूदगी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मृतक की आत्मा अब चीख चीख कर सवाल कर रही है कि आंकड़ों के खेल से मेडल पाने की उत्कंठा में हो रही दिखावटी पुलिसिंग आखिर कब बंद होगी।
बता दें कि बीकानेर के हर क्षेत्र में मौत के ब्याज का गंदा धंधा करने वाले माफिया मजबूर लोगों पर तांडव कर रहे हैं। तीन रूपए सैकड़े से लेकर 30 रूपए सैकड़े तक का ब्याज वसूला जा रहा है। घर की महिलाओं के गहने ब्याज की आड़ में हड़पे जा रहे हैं। ख़बरमंडी न्यूज़ लंबे समय से मौत के ब्याज माफिया के खिलाफ मुद्दे उठाता आ रहा है, लेकिन पुलिस सब जानकर भी अनजान बनी रही है। हालांकि तत्कालीन एसपी प्रहलाद सिंह कृष्णियां ने मौत के ब्याज माफिया की कमर तोड़ने में रूचि दिखाई थी। कदम आगे बढ़ाते इससे पहले ही प्रहलाद सिंह का तबादला हो गया।
पुलिस अगर चाहे तो इन ब्याज माफियाओं की हवा टाइट कर दे, लेकिन पुलिस इस ओर इंटरेस्ट ही नहीं दिखाती। न जाने कितनी आत्महत्याओं के पीछे मौत का ब्याज ही कारण रहा होगा। मामले दब जाते हैं लेकिन इस बार मृतक दिलीप के सुसाइड नोट ने ब्याज माफियाओं की मुश्किलें बढ़ा दी है। दिलीप ने सुसाइड नोट में 10-12 रूपए सैकड़े पर पैसा उधार लेने की बात उजागर की है। कहा गया है कि उसने काफी समय पहले बीवी के सोने के कंगन गिरवीं रखकर चार लोगों से पैसे लिए थे। जिसके बदले में भारी रकम चुका दी, मगर माफियाओं ने कंगन नहीं लौटाए, बल्कि ब्याज की मांग कर परेशान कर रहे थे। मृतक के भाई पंकज ने बताया है कि उसके भाई ने पटेल नगर निवासी सुरेंद्र, रोशनी घर चौराहा निवासी जीतू माली, गंगाशहर निवासी दीपक वर्मा व डागा बिल्डिंग के पास सुनील सोलंकी से बहुत समय पहले 10 रूपए सैकड़े पर पैसे उधार लिए थे। वहीं फड़बाजार निवासी रिंकू मित्तल, फड़ बाजार निवासी मंजूर अली, वल्लभ गार्डन निवासी आनंद कालरा को पैसे दे रखे थे। ये तीनों आरोपी पैसे लौटा नहीं रहे थे। बाद में पैसे मुकर गए। आरोप है कि सभी मिलकर दिलीप को परेशान करते थे, जान से मारने की धमकी देते थे। आरोपियों ने दिलीप को मरने के लिए मजबूर कर दिया। इसी वजह से वह शुक्रवार शाम चार बजे घर से निकल गया। अगली सुबह नाल की गोचर में वह फांसी लटका हुआ मिला। नाल पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 306 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की है। जांच थानाधिकारी विक्रम सिंह चारण कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि बीकानेर के खजांची मार्केट, जैन मार्केट, गणपति प्लाजा, कोटगेट, शहरी परकोटे के अंदर आचार्य चौक, बारहगुवाड़, दम्माणी चौक, नत्थूसर गेट, बैदों का चौक आदि, जस्सूसर गेट, गोगागेट, गंगाशहर, पाबू चौक, सुजानदेसर,घड़सीसर रोड़, चोपड़ा बाड़ी, कुम्हारों की मोड़, चौधरी कॉलोनी, पवनपुरी, वल्लभ गार्डन, जयनारायण व्यास कॉलोनी, पटेल नगर, मुक्ता प्रसाद, रोशनी घर चौराहा, मुरलीधर व्यास नगर, कोठारी अस्पताल के पास सहित विभिन्न इलाकों में मौत के ब्याज का काला धंधा चल रहा है। एक बार जो इस ब्याज की चपेट में आ जाता है, वह वापिस नहीं निकल पाता। बता दें कि ब्याज माफिया कर्जा देते वक्त सादे स्टांप व ब्लैंक चैक भी ले लेते हैं, जो बाद में एन आई एक्ट के तहत फर्जी केस लगाने के काम में लिए जाते हैं। इसके अतिरिक्त गहने भी गिरवीं रख लिए जाते हैं। इसी गहने से 1-2 रूपए सैकड़े का गोल्ड लोन लेकर आगे मजबूरों को 3 से 30 रूपए सैकड़े में दे देते हैं। एक सर्वे के मुताबिक मौत के ब्याज में फंसे सैकड़ों लोग अब तक अपनी जमीनें, घर, सोना चांदी तक बेच चुके हैं, इसके बाद भी ब्याज माफियाओं के चंगुल से मुक्त नहीं हुए।
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