24 September 2022 02:22 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। (मसखरी पुराण- रोशन बाफना) जयपुरी बवंडर के असर से बीकानेर की राजनीति में एकाएक बड़ा बदलाव आने के आसार बन गए हैं। इससे कई नेताओं पर घर बैठने का खतरा भी मंडराने लगा है। एक बार फिर से रानी अपनी राजनीतिक ताकत का भान करवाने की तैयारी में है। मगरे के शेर की घर वापसी की चर्चा जोरों पर है। जैसे जैसे चर्चा गरम हो रही है, कईयों के हाथ पांव ठंडे हो रहे हैं। मगरे के शेर की दहाड़ से पश्चिमी राजस्थान की राजनीतिक लॉबी बखूबी वाकिफ हैं। तो राजस्थान की रानी की गहराई राजनीति के धुरंधर खूब पहचानते हैं। 9 अक्टूबर का दिन महत्वपूर्ण होने वाला है। मगरे के शेर की विधिवत एंट्री होते ही एक बड़ा धड़ा ठंडा हो जाएगा।
सुना है एंटी लॉबी के एक सिंह का तो शुक्रवार को मुहूर्त भी हो गया। मंत्रीजी जी को सी-ऑफ करने गए महाशय को बिना आईडी पहचाना नहीं गया। यह बात तब और अधिक खारी लगने लगी, जब जिले के एक पूर्व कमांडो को तो सिक्यूरिटी ने पहचान लिया मगर सिंह साहब को पहचान नहीं पाए। हवाईअड्डे में हवा निकल जाने से साहेब तिलमिला उठे। हालांकि तिलमिलाने से हुआ कुछ नहीं, बाहर की ठंडी हवा ही खानी पड़ी। अंदरखाने से ख़बर यह भी आई है कि मंत्री जी ने भी सिंह साहब की अनुपस्थिति पर संज्ञान नहीं लिया।
बहरहाल, मसखरी की हद तो तब हो गई जब अपने ही नो एंट्री की बात की जगह जगह एंट्री कराते फिर रहे हैं। हालांकि राजनीति में अपना कौन ? बदलाव की आंधी में कब कौन किसका हो जाए कहा नहीं जा सकता, मगर यह तो माना जा रहा है, विधानसभा चुनाव तक जो बीकानेर की राजनीति में बड़ा दखल रखेगा वो महा-वीर ही होगा।
बीकानेर की राजनीतिक कुंडली में ग्रहों की इस बदलती चाल को देखकर वे कार्यकर्ता चिंतित हैं, जो अगले 10 साल तक एक छत्र राज की परिकल्पना कर खुल्लमखुल्ला शरणं गच्छामि हो गए थे। ख़ैर, राजनीति जारी है, फिर मिलेंगे मसखरी पुराण में। फिलहाल, राम-राम ।
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