22 March 2021 04:37 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। बीकानेर नगर निगम क्षेत्र के वार्डों के लिए जारी चार करोड़ के पैकेज ने बीजेपी पार्षदों के खून में उबाल पैदा कर दिया है। अपने वार्डों में काम ना होने से असंतुष्ट कुछ बीजेपी पार्षदों ने मामले को लेकर नगर निगम आयुक्त ए एच गौरी को ज्ञापन देकर धरने की चेतावनी भी दी है। बीजेपी पार्षदों के अनुसार उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है। पूर्व व पश्चिम विधानसभा के अनुसार आवंटित दो-दो करोड़ के विकास पैकेज से उनके वार्डों को कुछ नहीं दिया जा रहा है। आरोप है कि सभी कांग्रेस पार्षदों के वार्डों में इस पैकेज से काम हुए हैं, यहां तक कि महापौर के वार्ड में भी 10-15 लाख रूपए का काम हुआ है मगर उपनगर गंगाशहर व आसपास के बीजेपी पार्षदों के वार्डों को इसके लाभ से वंचित रखा गया है। वार्ड नंबर 27, 29, 19, 26, 9, 31, 41 व 47 में इस पैकेज से एक रूपए का भी काम नहीं करवाया गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि मामले को लेकर महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित अपने ही पार्षदों के निशाने पर हैं। हालांकि पार्टी हित में खुलकर विरोध नहीं जताया गया है। पार्षदों का आरोप है कि इस समस्या को महापौर तक कई बार पहुंचाया जा चुका, मगर समाधान नहीं हुआ। यहां तक कि काम ना होने के बावजूद ठेकेदारों को भुगतान कर दिया गया। जबकि पार्षदों की संतुष्टि के बिना ठेकेदार का भुगतान करना न्यायोचित नहीं है। वे महापौर के इस रवैये से असंतुष्ट हैं। वे परेशान हो चुके हैं, उनके पास कोई चारा नहीं है। नगर निगम आयुक्त, महापौर से लेकर इन वार्डों से जुड़े ठेकेदार निशाने पर हैं। समस्या यहीं खत्म नहीं हुई है। प्रत्येक वार्ड को मिले 20-20 लाख के बजट के कार्य भी पूरे नहीं हुए हैं। इन पार्षदों का कहना है कि ठेकेदार फोन नहीं उठाते हैं, वे अपना पैसा लेकर घर जाकर बैठ गये हैं। काम करने की बजाय बहाने बनाए जा रहे हैं। काम किए बिना ही काम कर देने की बात कही जा रही है। ठेकेदारों से जब काम का विवरण पूछा जाता है तो वे बताने से कतराते हैं। पार्षदों ने ठेकेदारों पर शक जताया है। 20 लाख के कार्यों के लिए इन वार्डों में अलग अलग ठेकेदार हैं। इनमें ठेकेदार हड़मान मल सियाग, रामगोपाल माली, संजय आचार्य व रामचंद्र का नाम सामने आ रहा है।
पार्षदों ने ज्ञापन में 20 लाख के कार्यों में गड़बड़ी का अंदेशा जताते हुए जांच की अपील भी की है। वहीं मनमानी करने वाले अधिकारियों को हटाने की मांग भी की है।
बता दें कि ये वार्ड वाकई में विकास को तरस रहे हैं। 29 नंबर वार्ड के तो हालात यह हैं कि पिछले 20-30 सालों में इस वार्ड के अधिकतर हिस्से में सड़क ही नहीं बनीं। कुछ वार्डों के पार्षदों के मोहल्ले में ही काम नहीं हो रहे हैं। उल्लेखनीय है कि इस पूरे मसले को लेकर समस्या बजट की नहीं है, समस्या निगम से लेकर ठेकेदारों के स्तर पर प्रगति को लेकर है। आरोप है कि ठेकेदार अपना लाभ बढ़ाने के लिए बड़ा गड़बड़झाला कर रहे हैं। तो कहीं कहीं तो काम ही नहीं कर रहे। देखें ज्ञापन
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