17 December 2020 11:34 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। प्रदेश में मायड़ भाषा के हाल देखकर हर भाषा प्रेमी दुखी है, मगर मंत्रियों से लेकर सरकार तक किसी को कोई सरोकार नहीं है। राजस्थानी भाषा से जुड़ी मांगों को लेकर राजस्थानी मोट्यार परिषद् का प्रतिनिधि मंडल फिर मंत्री भंवर सिंह भाटी से मिला।
राजस्थानी भाषा को दूसरी राजभाषा बनाने, काॅलेज व्याख्याता भर्ती 2020 में राजस्थानी साहित्य विषय के पद विज्ञप्ति में शामिल करने, राजस्थानी साहित्य के नये पदों को सृजित करने सहित कई मांगों को लेकर राजस्थानी मोट्यार परिषद के प्रतिनिधियों ने बुधवार को सर्किट हाउस में उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी से यह मुलाकात की।
मंत्री भाटी ने आश्वासन दिया कि इसी भर्ती में राजस्थानी भाषा के पद शामिल करने की कोशिश करेंगे। नहीं तो आगामी भर्ती में राजस्थानी के पदों पर भर्ती की जाएगी। जल्द ही काॅलेज व्याख्याता के और पदों पर भर्ती होनी है। जिसमें राजस्थानी साहित्य के भी पद होंगे।
प्रतिनिधि मंडल ने भाटी को अवगत करवाया कि विगत 8 फरवरी को महारानी सुदर्शना महाविद्यालय, बीकानेर के प्रांगण में मंच से आपने घोषणा की थी कि आगामी सत्र में महारानी सुदर्शना महाविद्यालय में राजस्थानी साहित्य विषय शुरू किया जाएगा। लेकिन आज तक ना विभाग बना और ना ही राजस्थानी साहित्य विषय के लिए फाॅर्म भरवाये गये। तब मंत्री भाटी ने बताया कि जल्द ही बात करके राजस्थानी साहित्य विषय शुरू करवाया जाएगा। ज्ञापन में बताया गया कि राजस्थान की मातृभाषा राजस्थानी विश्व की समृद्धतम भाषाओं में से एक हैं। 2 नवंबर 2020 को कॉलेज व्याख्याता भर्ती 2020 के लिए राज्य लोकसेवा आयोग- अजमेर ने 918 पदों के लिए विज्ञप्ति जारी की है, इसमें राजस्थानी साहित्य के पद नहीं होने से बेरोजगार युवाओं को गहरा धक्का लगा है। प्रदेश में
1- राजकीय डूंगर महाविद्यालय बीकानेर।
2- सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय, अजमेर।
3-एस.एन.डी.बी, राजकीय महाविद्यालय नोहर,हनुमानगढ़।
4- राजकीय महाविद्यालय- शेरगढ़, जोधपुर।
इन राजकीय महाविद्यालयो में राजस्थानी साहित्य विषय के व्याख्याता के पद रिक्त पड़े हैं। राजस्थानी के विद्यार्थीयों की पढा़ई बाधित हो रही है। 1992 की कॉलेज व्याख्याता भर्ती के बाद राजस्थानी साहित्य के व्याख्याता की भर्ती नहीं हुई है। यह भेदभाव प्रदेश की मातृभाषा राजस्थानी के साथ क्यों हो रहा है। राजस्थानी भाषा से आज हजारों बेरोजगार जिन्होंने राजस्थानी भाषा से नेट/ पीएच. डी. कर रखी है, उनमें कॉलेज व्याख्याता भर्ती में पद नहीं होने के कारण भारी रोष है। युवाओं को भूख हड़ताल, आमरण अनशन पर बैठने के लिए मजबूर मत करो।
इस दौरान बीकानेर संभाग महामंत्री सरजीत सिंह, बीकानेर परिषद उपाध्यक्ष मुकेश रामावत, महासचिव प्रशान्त जैन, सलाहकार भरतदान चारण, कोषाध्यक्ष राजेश चौधरी, शंकर दान चारण, रामसिंह, पंकज सहित मोट्यार परिषद के सदस्य मौजूद रहे।
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