06 March 2022 08:11 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। बदमाशों की गोली का शिकार हुए मासूम पंकज आचार्य की आत्मा डेढ़ साल बाद भी न्याय के लिए तरस रही है। इस रोगंटे खड़े करने वाले हत्याकांड के तीन आरोपी अब भी सलाखों से दूर बताए जा रहे हैं। मृतक पंकज की तरफ से मामले की पैरवी कर रहे एडवोकेट मुकेश आचार्य के अनुसार राजनीतिक हस्तक्षेप की वजह से इस गंभीर अपराध में लिप्त रहे आरोपी अब तक बचे हुए हैं।
ये था मामला: 25 अगस्त 2020 की दोपहर जस्सूसर गेट, रजनी हॉस्पिटल के सामने एक गैराज के पास बैठे 14 वर्षीय पंकज आचार्य को गोली लग गई थी। हुआ यूं कि कुछ बदमाश पुखराज प्रजापत नाम के युवक का पीछा कर रहे थे। दोनों पक्ष दुपहिया वाहनों पर थे। पुखराज ने बाइक खड़ी की और स्वयं को बदमाशों से बचाने के लिए गैराज की तरफ भागा। मोटरसाइकिल सवार बदमाशों ने पुखराज पर गोली चलाई। पुखराज तो गोली से बचकर गैराज में घुस गया मगर यह गोली पंकज आचार्य के सिर के आर पार हो गई। उसे पीबीएम अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां पांचवें दिन दौराने इलाज उसने दम तोड़ दिया।
अब तक क्या हुआ: पंकज की मौत के बाद पुलिस ने दो बदमाशों को धरदबोचा था। इनमें से मुख्य आरोपी(गोली चलाने वाला) नाबालिग था। वहीं उसका साथी शिवशंकर उर्फ शिवला कोर्ट में बालिग साबित हुआ। बाल अपचारी अभी भी बाल सुधार गृह में हैं। वहीं शिवला जेल में हैं। दोनों को अभी जमानत नहीं मिली है।
मगर तीन अन्य आरोपी अभी भी बचे हुए हैं। मामला पुलिस से सीआईडी सीबी में जा चुका है। एडवोकेट मुकेश आचार्य के अनुसार केस पानी की तरह साफ है। केवल मात्र राजनीतिक हस्तक्षेप की वजह से फाइल व जांच इधर उधर करवाई जा रही है। जबकि ऐसा करना न्याय संगत नहीं है।
बता दें कि पंकज आचार्य मूलतः कोलायत का रहने वाला था। वारदात के दिन वह अपनी बुआ के घर जस्सूसर गेट आया हुआ था। पंकज के पिता आर्थिक रूप से कमजोर हैं। ऐसे में वह मजबूर बने हुए हैं। अब देखना यह है कि पंकज की आत्मा को न्याय मिलता है या राजनीतिक संरक्षण में आरोपी बच निकलते हैं।
RELATED ARTICLES