03 June 2022 11:51 AM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। पीबीएम में नशाखोर चोरों ने आतंक मचा रखा है। मरीजों के परिजनों की जेब कतरने में संकोच ना करने वाले इन चोरों पर पुलिस भी कार्रवाई नहीं कर पा रही है। उल्टा पकड़े गए जेबकतरों को बिना कार्रवाई छोड़ने को मजबूर है। बुधवार आधी रात बाद ऐसा ही कुछ हुआ, जब पुलिस ने तीन नशाखोर चोरों को ऐसे ही छोड़ दिया।
दरअसल, पिछले कुछ दिनों से पीबीएम में जेबकतरे सक्रिय हैं। ये जेबकतरे पीबीएम में आए मरीज़ परिजनों की जेब से मोबाइल व रूपए चोरी कर ले जाते हैं। करीब 8-10 दिन पहले रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट में एक्स-रे लाइन में खड़े दो मरीज परिजनों की जेब साफ कर दी गई।अज्ञात जेबकतरों ने गंगाशहर निवासी सीताराम जाट व एक अन्य की जेब से कुल 17000 रूपए निकाल लिए।रेडियोलॉजी विभाग की लापरवाही की वजह से चोरों के भाग्य ने भी साथ दिया। विभाग के सीसीटीवी कैमरे बंद थे। ऐसा नहीं है कि कैमरे खराब थे, ये बंद ही किए हुए थे। ऐसे में इन कैमरों में चोर कैद नहीं हो पाए।
वहीं सोमवार रात जनाना अस्पताल के सामने स्थित प्याऊ से पानी भरने गए रतनगढ़ निवासी बरकत अली की जेब से मोबाइल व 10400 रूपए गायब हो गए। बरकत ने ये मोबाइल दो माह पहले ही 15000 रूपए में लिया था। इसके बाद बरकत रात को आने जाने वालों पर नजर रख रहा था। बुधवार रात करीब डेढ़ बजे दो जेबकतरे दबोचे गए। बरकत के अनुसार एक औरत भी थी। पब्लिक ने जेबकतरों की धुनाई भी कर डाली। दोनों को पीबीएम चौकी पुलिस के सुपुर्द किया गया। इसी रात करीब 5-6 बजे यानी गुरुवार सुबह 6 फिर एक जेबकतरे को रंगे हाथों दबोचा गया। इसे भी पीबीएम चौकी पुलिस के हवाले किया गया। मगर चौकी पुलिस ने सभी जेबकतरों को बिना कार्रवाई छोड़ दिया।
पुलिस का कहना है कि दो जेबकतरे थे, सुबह लाया गया जेबकतरा पहले वाला ही था। एक जेबकतरे की जेब से नशीली गोलियों के दस पत्ते निकले। आधार कार्ड भी मिले। पुलिस का कहना है कि जेबकतरे नशेड़ी थे, इसलिए छोड़ना पड़ा। एक को तो ट्रोमा सेंटर ले जाकर इलाज भी करवाया। वहीं कोई परिवादी ना होने का बहाना भी बनाया जा रहा है। पुलिस का कहना है कि पीड़ित अपना चोरी हुआ सामान तलाश करने में तो पुलिस का सहयोग करते हैं मगर मुकदमा दर्ज नहीं करवाते। ऐसे में पुलिस कैसे कार्रवाई करें।
उल्लेखनीय है कि ये चोर चाहे होश में चोरी करे या नशे में, आमजन को तो नुकसान ही होता है। गरीब मरीज़ परिजनों के लिए एक झटके में 10-20 हजार का नुकसान बहुत बड़ा है। दरअसल, चोरों और अपराधियों में पुलिस का भय ही समाप्त होता जा रहा है।
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