29 July 2021 12:58 AM
-रोशन बाफना की रिपोर्ट
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर।(रोशन बाफना) राजस्थान में समाज के लिए खतरा बन चुके खूंखार अपराधियों पर लगाए जाने वाले कठोरतम राज. पासा अधिनियम का 2021 का पहला मामला सामने आया है। कोटा शहर पुलिस के इस्तगासे पर खूंखार अपराधी 38 वर्षीय हज़रत अली उर्फ गुड्डू पुत्र रमजान अली पर राज पासा यानी राजस्थान समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम 2006 लगाया गया है। अब आरोपी को 31 मई 2022 तक कठोरतम जेल में रहना होगा। गुड्डू 1996 से लगातार गंभीर अपराधों को अंजाम देता आया है। वह हत्या के एक, हत्या का प्रयास के 8, बलात्कार के 1, बलात्कार का प्रयास के 1, लूट के 4, उद्यापन के 3, चोरी नकबजनी के 9, आर्म्स एक्ट के 6, सरकारी भूमि पर कब्जे का एक, सरकारी कर्मचारी पर हमले के 2, मारपीट के तीन, डकैती की तैयारी के 1, धोखाधड़ी का एक, अवैध शराब के 2 मुकदमों में आरोपी है। आरोपी पर दर्ज कुल 43 मुकदमों में से 42 में अपराध प्रमाणित पाया जा चुका है। वह हत्या के मामले में 2009 से 2015 तक सजा काट चुका है। हालांकि सजा पूरी होने से पहले ही उसने अपील में जाकर जमानत प्राप्त कर ली थी। यह खूंखार अपराधी जेल में रहने के कारण इन्हीं 6-7 सालों में अपराध नहीं कर पाया। इसके अतिरिक्त 1996 से 2009 व 2015 से 2021 तक लगातार अपराध करता गया। अंतिम मामला 2021 में सामने आया, जब आरोपी ने मुंबई में किसी का अपहरण कर एक लाख की फिरौती मांगी। मुंबई पुलिस ने आरोपी को जेल भिजवाया, लेकिन वह वहां से भी तीन माह पहले जमानत पर बाहर आ गया।
गुड्डू के बाहर आता ही कोटा शहर पर खतरा मंडराने लगा। आरोपी मूलतः कोटा शहर के उद्योग नगर थाना क्षेत्र के गोविंद नगर का निवासी है। पुलिस अधीक्षक विकास पाठक ने खूंखार अपराधी से खतरे की रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए जिला कलेक्टर व मजिस्ट्रेट कोटा के समक्ष इस्तगासा प्रस्तुत किया था। पुलिस अधीक्षक ने आरोपी पर राज पासा लगाकर उसे जेल भिजवाने की मांग की थी। पुलिस अधीक्षक ने आरोपी द्वारा 2007 में बैंक मैनेजर की गोली मारकर हत्या करने से लेकर सभी अपराधों का ब्यौरा कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत किया। जिस पर कलेक्टर ने 1 जून को गुड्डू को निरुद्ध करने के आदेश जारी किए। कलेक्टर के आदेश की पालना में पुलिस ने गुड्डू को निरुद्ध कर जेल भिजवा दिया। 10 जून को कलेक्टर द्वारा जारी निरुद्धि आदेश का राज्य सरकार ने अनुमोदन करते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय के सलाहकार मंडल को फाइल भेज दी। जिस पर तीन तारीखों में सुनवाई पूरी करते हुए सलाहकार बोर्ड ने आरोपी गुड्डू को राज पासा के तहत 31 मई 2022 तक जेल में बंद रखने के आदेश दिए।
क्या है राज पासा--- राज पासा राजस्थान द्वारा बनाया गया एक ऐसा अधिनियम है जो आदतन खूंखार अपराधियों की हवा टाइट करने में सक्षम है। ऐसे अपराधी जो नियंत्रण से बाहर होकर समाज के लिए खतरा बन चुके हों, उन पर राज पासा लगाया जाता है। राज. पासा के तहत होने वाली जेल सामान्य जेल से कहीं अधिक कठोर होती है। सामान्यतया हत्या जैसे गंभीर अपराधों में भी एक बैरक में बहुत सारे अपराधियों को एक साथ रखा जाता है। टीवी की सुविधा दी जाती है। मेहनत मजदूरी कर कमाने का अवसर भी दिया जाता है। यहां तक कि निश्चित समय पर परिजनों से फोन पर बात करने, मिलने व सही चलने पर पैरोल पर रिहाई की सुविधा दी जाती है। इसके अतिरिक्त जमानत व अपील के रास्ते भी खुले होते हैं। मगर राज पासा लगने पर अपराधी को एक ऐसी बंद कोठरी में अकेले रखा जाता है, जिसमें स्नानघर व शौचालय भी अंदर ही होता है। एक साल की सजा अवधि तक अपराधी उस कोठरी से बाहर नहीं निकल सकता। उससे ना मजदूरी करवाई जाती है, ना परिजनों से फोन पर बात करने व मिलने की सुविधा दी जाती है। अपराधी कोठरी में अकेला रहता है। जानकारी के अनुसार राज पासा लगने पर सुप्रीम कोर्ट भी जमानत नहीं देता। ऐसे में एक बार जिस पर राज पासा लग गया, उसे करीब एक साल की अवधि तक एक छोटी सी कोठरी में ही गुजारने पड़ते हैं।
किसी भी खूंखार अपराधी को राज पासा के तहत जेल में बंद करवाने के लिए पुलिस अधीक्षक द्वारा जिला कलेक्टर एवं मजिस्ट्रेट के समक्ष इस्तगासा प्रस्तुत किया जाता है। कलेक्टर अपराधी को निरुद्ध करने के आदेश देते हैं। अपराधी को निरुद्ध करने के बाद निरुद्धि आदेश अनुमोदन के लिए सरकार को भेजा जाता है। सरकार पूरे मामले की जांच करती है। अपराधी पर राज पासा लगाने की आवश्यकता प्रमाणित होने पर फाइल हाई कोर्ट के सलाहकार बोर्ड को भेजी जाती है। कलेक्टरी आदेश से तीन माह के अंदर ही यह सारी प्रक्रिया करनी आवश्यक होती है। हाई कोर्ट के सलाहकार बोर्ड के समक्ष सुनवाई में अपराधी, कलेक्टर व एसपी को पेश होना पड़ता है। जानकारी के अनुसार इस मामले में अपराधी की तरफ से कोई वकील पैरवी नहीं कर सकता। अपराधी स्वयं ही अपना पक्ष रख सकता है।
उल्लेखनीय है कि 2021 में राजस्थान में राज पासा लगाए जाने का यह पहला मामला है। कोटा शहर पुलिस गुड्डू जैसे 11 और खूंखार अपराधियों को राज पासा के तहत जेल भिजवाने की तैयारी कर रही है।
माना जा रहा है कि एक बार राज पासा के तहत जेल भोगने वाला अपराधी अपराध करने की हिम्मत ही नहीं कर पाता। अब देखना यह है कि कोटा शहर, कोटा ग्रामीण, झालावाड़, बारां, बूंदी, चितौड़गढ़ व मुंबई में अपराध से भय व्याप्त करने वाले गुड्डू पर राज पासा का कितना असर होता है।
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