27 February 2020 09:22 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर ।देवस्थान मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने गुरूवार को विधानसभा में आश्वस्त किया कि प्रदेश में मंदिर की संपत्तियों को अनाधिकृत कब्जों से छुड़ाने की कार्यवाही के लिए विभाग की ओर से अच्छे वकीलों को लगाकर पैरवी करवाई जा रही है। उन्होंने बताया कि इन संपत्तियों के लिए नयी किराया नीति भी शीघ्र लागू की जायेगी।
सिंह ने प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा इस संबंध में पूछे गये पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा कि वर्ष 2000 की किराया नीति के अनुसार प्रति तीन वर्ष के बाद किराये में 15 प्रतिशत की वृद्धि का प्रावधान किया गया था। इस नीति पर उच्च-न्यायालय द्वारा स्टे लगाये जाने के कारण राज्य सरकार द्वारा शीघ्र ही नयी किराया नीति जारी की जायेगी। जिसका कैबिनेट मैमो तैयार किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि मंदिर की संपत्तियों से अवैध कब्जा हटाने के लिए अच्छे वकीलों द्वारा पैरवी करवाकर हाल ही प्रदेश में कई संपत्तियों का कब्जा वापस लिया गया है। उन्होंने बताया कि किराया वसूली समय पर करने के लिए देवस्थान विभाग के प्रबंधक अथवा निरीक्षक को समय-समय पर निर्देशित किया जाता है। जिन किरायेदारों द्वारा समय पर किराया जमा नहीं करवाया जाता है, उनके विरुद्ध निरीक्षक द्वारा राजस्थान सार्वजनिक भू-गृहादि (अप्राधिकृत अधिवासियों की बेदखली) अधिनियम, 1964 के अन्तर्गत वाद दायर कर कार्यवाही की जाती है।
उन्होंने बताया कि जयपुर में बड़ी चौपड़ स्थित लक्ष्मी नारायण बाई मंदिर का कब्जा 2020 में लिया गया है। इसी प्रकार रामचन्द्र मंदिर, गोपाल मंदिर, गोवर्धन नाथ मंदिर, बड़ी चौपड का कब्जा भी लिया गया है। उन्होंने कहा कि अलवर के 3, खेतड़ी तथा कोटा की एक-एक अजमेर की 4, ऋषभदेव मंदिर की 10 तथा उदयपुर की एक संपत्ति का कब्जा भी राज्य सरकार द्वारा प्राप्त किया गया है।
इससे पहले सिंह ने विधायक अशोक लाहोटी के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि प्रदेश के देवस्थान मंदिरों के अधीन दुकानों, आवासीय व व्यावसायिक परिसर किराये पर दिये हुये हैं। वित्तीय वर्ष 2018-19 मे 3 करोड़ 95 लाख 76 हजार 216 रुपये एवं वर्ष 2019-20 में 31 जनवरी, 2020 तक 3 करोड़ 95 लाख 98 हजार 980 रुपये की आय हुई।
उन्होंने देवस्थान विभाग के मंदिरों की व्यावसायिक व आवासीय सम्पतियों पर अनाधिकृत कब्जेदारों का विवरण तथा इन अतिक्रमियों से कब्जे छुड़ाने के लिए की जा रही कार्यवाही का विवरण सदन के पटल पर रखा।
सिंह ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2018-19 में 8 करोड़ 54 लाख 25 हजार 221 रुपये व वर्तमान वित्तीय वर्ष 2019-20 में 31 जनवरी, 2020 तक 9 करोड़ 64 लाख 02 हजार 319 रुपये किरायेदारों पर बकाया है। बकाया राशि की वसूली हेतु सक्षम न्यायालय में वाद दायर किये गये हैं तथा शीघ्र वसूली हेतु समय- समय पर संबधित को निर्देशित किया जाता रहा है एवं पुनः समस्त सहायक आयुक्तगण को पत्र क्रमांक 192-202 , 30 जनवरी, 2020 के द्वारा निर्देश प्रदान किये गये हैं।
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