05 August 2020 07:37 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। तीन राज्यों के मरीजों की उम्मीद पीबीएम अस्पताल लापरवाही व राजनीति के दीमक से खोखला हो रहा है। आज पार्षद महजबीन की सासु मां की मौत के जिम्मेदार माने जा रहे हार्ट अस्पताल के खिलाफ ज्ञापन देने गए कांग्रेसी पार्षदों व गार्ड में हुए विवाद के बाद पीबीएम अधीक्षक भी विवादों के घेरे में आ गए। इस बीच धक्का-मुक्की, गाली गलौच व आरोप-प्रत्यारोप से माहौल गरमा गया। जानकारी के अनुसार हुआ यूं कि पार्षद महजबीन के पति युनूस, मनोज विश्नोई, सुभाष स्वामी सहित 20-30 कांग्रेसी अधीक्षक को ज्ञापन देने पहुंचे। इस दौरान गार्ड ने भीड़ देख चैनल गेट बंद कर लिया और यहीं से आग लग गई। पार्षद मनोज विश्नोई का कहना है कि जब ज्ञापन के लिए अंदर जाना चाहा तो गार्ड ने बदतमीजी करते हुए चैनल गेट बंद किया। इस दौरान गेट में उनका हाथ आ गया और गहमागहमी शुरू हुई। जिसके बाद उन्हें अधीक्षक कक्ष में जाने दिया गया, लेकिन अधीक्षक ने बदतमीजी करते हुए कहा कि ज्ञापन दो और जाओ। अधीक्षक के दुर्व्यवहार से क्षुब्ध होकर वे सब धरने पर बैठ गये और माहौल बिगड़ता चला गया। वहीं पीबीएम अधीक्षक मोहम्मद सलीम का कहना है कि कांग्रेसी पार्षद मनोज विश्नोई सहित अन्य ने गाली गलौच की। अधीक्षक के अनुसार अंदर आने की मनाही नहीं है, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग व सेनेटाइजेशन के नियमों की पालना के लिए गार्डों को कह रखा है। पार्षदों द्वारा पहले गार्डों की कॉलर पकड़कर थाप मुक्के चलाए गए, बाद में अधीक्षक कक्ष में उनसे बदतमीजी की गई। बता दें कि पार्षद अब अधीक्षक को हटाने की मांग कर रहे हैं, वहीं गार्ड पार्षदों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। पीबीएम प्रशासन का कहना है कि कांग्रेसी पार्षदों ने पीबीएम को भी नगर निगम समझ रखा है। आए दिन इनके द्वारा गाली गलौच किया जाता है। उल्लेखनीय है कि पीबीएम की दुर्दशा में यहां के चिकित्सकों व कर्मचारियों की लापरवाही को लेकर आवाज़ उठती रही है तो कुछ तत्त्वों द्वारा इसे राजनीतिक उल्लू सीधा करने का मंच भी बना लिया गया है। इस बीच अब इन पार्षदों की भूमिका भी संदिग्ध लग रही है। चौंकाने वाली बात यह है कि पीबीएम की इस बदहाली को सुधारने में प्रशासन अब तक नाकाम रहा है। हालांकि वर्तमान कलेक्टर इसे लेकर गंभीर दिखाई देते हैं। लेकिन सवाल यह है पीबीएम की दुर्दशा पर कब कोई ठोस कदम उठेगा। उल्लेखनीय है कि पार्षद महजबीन की सास को दिल का दौरा पड़ा था, जिसके बाद उन्हें हार्ट अस्पताल ले जाया गया। आरोप है कि यहां उन्हें इलाज देना तो दूर रिपोर्ट तक नहीं देखी गई। पार्षद ने आरोप लगाया कि यह मौत नहीं बल्कि मर्डर था। इसी घटना के संबंध में आज पार्षद ज्ञापन देने गए थे।
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