07 May 2021 06:23 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। बीकानेर में रेमडेसिवर की कालाबाजारी की गुत्थी सुलझ ही नहीं रही है। एसओजी और सदर पुलिस इसमें उलझती नज़र आ रही है। बुधवार को पकड़े गए चारों मेडिकोज मुंह ही नहीं खोल रहे है। चौधरी लैब के संदीप नायक, जीवन रक्षा के रमेश सिंह, बेस्ट हेल्थ केयर के महेंद्र विश्नोई व अनिल जाट के अलावा दो और युवक इस लूटमार गैंग में शामिल बताए जा रहे हैं। पुलिस के अनुसार ये काम एक सप्लाई चेन से होता है। हालांकि इस चेन में कौन किसको माल देता है, यह अभी रहस्य ही है। वहीं अन्य दो आरोपी पकड़े जाने पर मुख्य विक्रेता का नाम सामने आएगा।
दूसरी ओर एस ओ जी ने हाल ही में पूरे प्रदेश भर में रेमडेसिवर के स्टॉकिस्टों से सप्लाई डिटेल मांगी थी। इसमें भी कुछ गड़बड़ियां प्रतीत हुई है।
16 अप्रेल को जारी एक आदेश के अनुसार अधिकृत प्राइवेट अस्पताल स्टॉकिस्टों से सीधे भी रेमडेसिवर खरीद सकते हैं। इसके लिए निर्धारित प्रक्रिया पूरी करनी होती है। बीकानेर में जीवन रक्षा अस्पताल, गोविन्दम, वरदान, फोर्टीस, कोठारी व एम एन अस्पताल कोविड के लिए अधिकृत है। ये सभी नियमानुसार रेमडेसिवर खरीद भी रहे हैं। इसके अतिरिक्त जो अस्पताल अधिकृत नहीं है उन्होंने भी रेमडेसिवर खरीदी बताते हैं। इनमें पीडी कृष्णा व मारवाड़ अस्पताल शामिल है।
बता दें कि एस ओ जी ने बीकानेर की मित्तल ड्रग एजेंसी, जिंदल मेडिकोज, राजेंद्र मेडिकोज, तंवर मेडिकोज, मित्तल फार्मा व गौरव एजेंसी से स्टॉक एवं सप्लाई स्टेटमेंट मांगा था।
बताया यह भी जा रहा है कि इनमें से कुछ फर्मों ने जयपुर के निजी अस्पतालों में भी सप्लाई दी है। हालांकि ऐसी सप्लाई पर पाबंदी का कोई आदेश सामने नहीं आया है, ऐसे में निर्धारित दरों पर सप्लाई की भी हो तो इसमें फर्में दोषी नहीं होगी।
कालाबाजारी के इस खेल में नई बात भी सामने आ रही है। निजी अस्पतालों को आशंका है कि उनके किसी नर्सिंग द्वारा ये इंजेक्शन चोरी भी किए जाते हों। दरअसल, निजी अस्पतालों में मरीज के परिजन को साथ नहीं बैठने दिया जाता। वहीं मरीज़ को 6 इंजेक्शन भी एक साथ अलॉट करके सुपुर्दगी दे दी जाती है। ऐसे में मरीज़ को रेमडेसिवर लगाने की बजाय चोरी किया जा सकता है। हालांकि निजी अस्पतालों के पास इसका कोई प्रमाण नहीं है।
बता दें कि सदर पुलिस के अनुसार जब उन्होंने डीएसटी के साथ मिलकर स्टिंग किया था, तब आरोपी संदीप ने 24000 रूपए में बोगस ग्राहक को यह इंजेक्शन बेचा था।
रेमडेसिवर की कालाबाजारी ने मानवता को कलंकित कर दिया है। आमजन में भी आक्रोश दिखाई दे रहा है। ऐसे में रेमडेसिवर की कालाबाजारी से जुड़े रहस्यों पर से पर्दा उठना जरूरी हो गया है।
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