04 April 2024 12:39 PM

ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। (पत्रकार रोशन बाफना की रिपोर्ट) नशे के जाल में फंसकर बीकानेर की युवा पीढ़ी बर्बाद होती जा रही है। हालात यह है कि मादक पदार्थों के आदी हो चुके युवा पढ़ाई, नौकरी, व्यापार, बीवी, बच्चे व परिवार भूलकर नशे में ही डूबे रहते हैं। तो वहीं मादक पदार्थ खरीदने के लिए पैसे मांगते फिरते हैं। पैसा ना मिलने पर इन्हीं में से कुछ नशेड़ी अन्य अपराध का रास्ता चुनते हैं। नयाशहर थाना क्षेत्र व मुक्ताप्रसाद थाना क्षेत्र में तस्करों की बड़ी जमात एक्टिव है। तो वहीं कुछ ठिकाने ऐसे हैं जो नशेड़ियों व छोटे छोटे तस्करों के अड्डे बने हुए हैं। नाथ जी के धोरे जैसी पवित्र जगह के नीचे नशेड़ी लंबे समय से सक्रिय हैं। यहां हर प्रकार का नशा होता है। नशे की गोलियां, गांजा, स्मैक, एमडी, अफीम से लेकर कई तरह के खतरनाक मादक पदार्थों के सेवन का यह अड्डा है। नशेड़ियों व माफियाओं की इन हरकतों से लंबे समय से धार्मिक भावनाएं आहत होती रही है। नाथ जी के धोरे के नीचे वाले इस क्षेत्र के अलावा संसोलाब के अंदर के कोने-खांचों में भी अपराध चरम पर है। यहां अंधेरे की ओट में नशे का खेल चलता है। इसी तरह भाटों का बास नशा सप्लायरों का मुख्य ठिकाना है। इसके अतिरिक्त नत्थूसर गेट, जस्सूसर गेट, पूगल रोड़, करमीसर रोड़, चौखूंटी आदि क्षेत्रों में नशे का अवैध कारोबार होता है।
चौंकाने वाली बात यह है कि नशा मिलने के इन ठिकानों की जानकारी इलाके के कच्चे बच्चों को भी है, फिर भी खुल्लमखुल्ला यह खेल जारी रहता है। हालांकि आईजी ओमप्रकाश पासवान व एसपी तेजस्वनी गौतम ने नशे के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए काफी तस्करों को ठिकाने भी लगाया है। सूत्रों से पता चला है कि आईजी-एसपी के खौफ़ से कुछ तस्कर गांव जाकर परचून की दुकान करने लग गए। लेकिन थाना पुलिस के आंखें मूंदने की वजह से नशे के खिलाफ वांछित रिजल्ट नहीं आ पाता। अब देखना यह है कि नशे से बर्बाद हो रहे शहर को बचाने के लिए थाना पुलिस कब पूर्णतः गंभीर होगी।
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