11 May 2020 06:27 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। बीकानेर में कोरोना से यह दूसरी मौत है लेकिन नोखा दैया की इस महिला के पॉजिटिव होने का स्रोत ही पहेली बन गया है। इस महिला के पॉजिटिव आने के बाद इसके परिवार व आस-पास के 36 लोगों के सैंपल लिए गए थे। इन सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आ गई थी।इसके बाद के वार्ड के मरीजों व स्टाफ को क्वॉरन्टाइन किया गया। मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल एस एस राठौड़ का कहना है कि महिला किसके संपर्क में आने से पॉजिटिव हुई, इसकी कड़ियां जुड़ नहीं पाई है। बता दें कि महिला का नोखा दैया स्थित मकान, अस्पताल का के वार्ड व डी वार्ड शक के घेरे में था। इनमें से नेगेटिव आई 36 रिपोर्ट्स ने नोखा दैया को क्लीन चिट दे दी। अब के वार्ड शक के दायरे में हैं। यहां महिला भर्ती रही। तो इस वार्ड के सभी संदिग्धों को क्वॉरन्टाइन कर दिया गया । वहीं डी वार्ड पर राठौड़ शक नहीं जता रहे, उनका कहना है कि इस वार्ड में आने वाले संदिग्धों की स्थिति जांच आते ही क्लीयर हो जाती है। अगर कोई पॉजिटिव आता है तो उसे कोविड वार्ड में शिफ्ट किया जाता है, वहीं नेगेटिव आने पर सामान्य वार्ड में भेजा जाता है। ऐसे में राठौड़ के अनुसार डी वार्ड इस महिला के संक्रमित होने का स्रोत नहीं हो सकता। वहीं यह महिला किससे संक्रमित हुई इसे लेकर विभाग में अलग-अलग मत नज़र आ रहे हैं। लेकिन चिंता इस बात की है कि यह महिला डायलिसिस पर थी, वहीं के वार्ड में इसी से जुड़े मरीज़ थे। जब तक इसकी कॉन्टेक्ट हिस्ट्री तक विभाग पहुंच नहीं जाता तब तक किडनी से जुड़े मरीजों में आशंकाओं का बवंडर मचा है। ऐसे में इस केस को लेकर महिला के पॉजिटिव होने के सोर्स तक पहुंचना बेहद जरूरी है। बता दें कि डायलिसिस अथवा अन्य गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को कोरोना पॉजिटिव होने के बाद बचाना मुश्किल होता है। हालांकि बीकानेर के चिकित्सकों ने पूरी कोशिश की।
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