07 December 2023 08:29 AM

	
				 
				      	 
			     
	
				 
				      	 
			     
गुरूवार व शुक्रवार होंगे निर्णायक, राजे की दिल्ली में एंट्री
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। (पत्रकार रोशन बाफना की रिपोर्ट) राजस्थान के नये मुख्यमंत्री के नाम को लेकर मंथन लगातार आगे बढ़ रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री मंत्री वसुंधरा राजे को भी दिल्ली बुला लिया गया है। गुरूवार और शुक्रवार मुख्यमंत्री तय करने के लिए निर्णायक दिन होंगे। मुख्यमंत्री को लेकर फिलहाल कई नाम चर्चा में हैं। जिनमें वसुंधरा राजे, बाबा बालक नाथ, दीया कुमारी, अर्जुन राम मेघवाल, ओम बिड़ला, गजेन्द्र सिंह शेखावत शामिल हैं। इसमें सबसे मजबूत वसुंधरा राजे ही लग रही हैं। हालांकि आलाकमान की राजे के नाम पर सहमति बेहद मुश्किल है।
दूसरी ओर, राजे की सहमति के बिना अन्य किसी को मुख्यमंत्री बनाना भी आसान नहीं है। राजस्थान में राजे काफी मजबूत मानी जाती है। उनकी जड़ें काफी गहरी हैं। ऐसे में बहुमत होने के बावजूद उनके बिना सरकार बनाना पहाड़ जितना भारी काम है। अगर आलाकमान वसुंधरा को किसी तरह मना पाता है तो फिर दीया कुमारी, बाबा बालकनाथ व बीकानेर सांसद व केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल में से कोई मुख्यमंत्री बन सकता है। ओम बिड़ला को आलाकमान पहले ही बहुत बड़े पद से नवाज चुका है।
वें लोकसभा स्पीकर हैं। ऐसे में उन्हें ही मुख्यमंत्री बनाने की संभावनाएं कम लग रही है। वहीं हवा चाहे कितनी भी चले गजेन्द्र सिंह शेखावत भी बतौर मुख्यमंत्री कमजोर पड़ते दिख रहे हैं। राजे को किसी तरह राजस्थान छोड़ने के लिए राजी कर पाने की स्थिति में महिला व राजपूत चेहरे के रूप में दीया कुमारी सबसे मजबूत नाम रहेगा। वजह, राजस्थान में राजपूतों को भी दरकिनार नहीं किया जा सकता। वहीं भगवा चेहरे के रूप में बाबा बालक नाथ को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।
बताया जाता है कि 2024 का लोकसभा चुनाव भगवा केंद्रित होगा। ऐसे में राजस्थान का मिशन-25 पूरा करने के लिए भगवा बड़ी ताकत के रूप में काम आएगा। वहीं अगर देशभर में अनुसूचित जाति को साधने की बात होगी तो भाजपा का एकमात्र अनुसूचित चेहरा अर्जुन राम मेघवाल हैं। ऐसी स्थिति में अर्जुन राम मेघवाल को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। हालांकि राजे से पहले दीया कुमारी की दिल्ली में धमक हो चुकी। अब सारा खेल राजे और आलाकमान के बीच होने वाली बैठक पर रहेगा। बता दें कि राजे के पास बीजेपी व निर्दलीय विधायकों की इतनी फौज है, जिससे उनकी सहमति के बिना बीजेपी का राजस्थान में सरकार बनाने का लक्ष्य असाध्य हो सकता है।
RELATED ARTICLES
        				03 November 2025 11:33 AM
        				18 October 2020 11:38 PM
          
 
          