19 August 2020 11:39 AM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। फेसबुक आईडी हैक कर पैसे की ठगी करने वाले गिरोह के जाल में अब राजस्थान पुलिस विभाग भी फंसने लगा है। ऐसे में अब आमजन की सुनवाई की संभावना बनी है। पिछले करीब दो-तीन साल से ऐसे ठग सक्रिय हैं जो फेसबुक आईडी हैक कर फेसबुक फ्रेंड्स को मैसेज भेजते हैं। अक्सर इस मैसेज में अस्पताल जैसी इमरजेंसी का हवाला देते हुए पांच हजार रुपए की मांग की जाती है। हैक हुई आईडी वाले व्यक्ति के इतने मित्रों में से एक दो तो जाल में फंस ही जाते हैं और कर देते हैं 2 से 5 हजार रूपए गूगल पे अथवा पेटीएम। अब तक हज़ारों हजारों लोग इस ठग गिरोह के शिकार बन चुके हैं। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि लंबे समय से चल रहे इस ठगी गैंग की धरपकड़ के लिए कोई भी प्रयास राजस्थान पुलिस द्वारा नहीं किया गया। पांच हज़ार का छोटा मामला होने की वजह से पुलिस झंझट मोल नहीं लेना चाहती। लेकिन पांच पांच हजार के टुकड़ों में यह गैंग अब तक लाखों या करोड़ों की ठगी कर चुकी होगी। ठगी के इस मामले में अब नया मोड़ आ सकता है। वजह साफ है कि अब पुलिस विभाग के 'गिरेबान' तक ये ठग पहुंच चुके हैं। ऐसे में पुलिस अब होश में आ सकती है। मंगलवार को कोटा में पदस्थ थानेदार परवेंद्र रावत की फेसबुक आईडी हैक कर ली गई। हैकर्स ने अपने प्रचलित तरीके से रावत के फेसबुक मित्रों से पैसे मांगे। देखना यह है कि पुलिस अब भी जागती है या ठगों को अभय देती है। एक अनुमान के अनुसार ये गैंग अब तक करोड़ों की ठगी कर चुका होगा। तीन साल से सक्रिय इस गैंग ने अगर प्रतिदिन हैक की गई आईडी'ज़ से अगर दस हज़ार रूपए भी ठगे होंगे तो कुल राशि एक करोड़ का आंकड़ा पार कर जाती है। अब देखना यह है कि राजस्थान पुलिस महानिदेशक ख़ास निर्देश देकर इस मामले में पुलिस को सक्रिय करते हैं या आमजन की पीड़ा को दरकिनार करते हैं। बता दें कि पुलिस की इस मामले को लेकर अब तक निष्क्रियता देखते हुए लगता नहीं कि बिना महानिदेशक के हस्तक्षेप के झंझट मोल लिया जाएगा।
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