16 February 2023 10:05 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। (पत्रकार रोशन बाफना की रिपोर्ट) नई एसपी तेजस्वनी गौतम के आते ही पुलिस विभाग की अलग अलग इकाईयां सक्रिय हो गई हैं। इसी कड़ी में मानव तस्करी विरोधी एवं गुमशुदा प्रकोष्ठ की सक्रियता से बाल श्रम करवाने वाले दुकानदारों व व्यापारियों आदि में हड़कंप मच गया है। प्रकोष्ठ प्रभारी अरविंद भारद्वाज ने एक 13 वर्षीय बालक को एक दुकानदार से मुक्त करवाया है। गोगागेट पशु चिकित्सालय के सामने स्थित रामदेव ट्रैडर्स द्वारा इस बालक से श्रम करवाया जा रहा था। बालक यहां एक साल से श्रम कर रहा है। यानी जब वह 12 साल का था तभी उसको काम पर लगा दिया गया। जबकि यह उम्र स्कूल में शिक्षा प्राप्त कर भविष्य सुनहरा बनाने की होती है।
रामदेव ट्रेडर्स एक बिल्डिंग मैटेरियल की दुकान है। प्राथमिक पूछताछ में सामने आया है कि बालक के पिता ने उसे काम पर लगाया था। बालक का पिता कोई काम धंधा नहीं करता। उसकी मां काम करती है। बालक को काम के बदले दुकानदार द्वारा प्रतिमाह तीन हजार रूपए दिए जाते हैं।
अरविंद भारद्वाज ने बताया कि बालक के पिता से जब पूछताछ की तो उसने कहा कि उसका एक्सीडेंट हुआ था। उसके बाद उससे काम नहीं होता। हालांकि पिता के हाथ पैर सलामत लग रहे थे। इससे प्रतीत होता है कि वह सिर्फ बहाने बना रहा था। बालक को मुक्त करवाकर रामदेव ट्रेडर्स के मालिक तरुण गहलोत के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
बता दें कि बीकानेर में बहुतायत से बाल श्रम करवाया जा रहा है। रेलवे स्टेशन के अंदर से लेकर स्टेशन रोड़, गांधी मार्ग चौपाटी, केईएम रोड़, बोथरा कॉम्प्लेक्स क्षेत्र, जूनागढ़, पब्लिक पार्क आदि क्षेत्रों छोटे छोटे बच्चे भीख मांगते मिल जाएंगे। ये बच्चे प्रशिक्षित हैं। इनसे अगर स्कूल ही बात की जाए तो एक ही तरह से मुंह चिढ़ाते हुए चले जाते हैं। इससे स्पष्ट होता है कि ये बच्चे किसी गिरोह का शिकार है। किसी गिरोह ने इन्हें प्रशिक्षित कर रखा है। इसी तरह चारों ओर फैले ढ़ाबों, होटलों, दुकानों, चाय के ठेलों पर छोटू ही छोटू मिलेंगे।
हालांकि कहीं कहीं बालश्रम मजबूरी भी है। मां बाप का नाम होना या छोटे से कंधों पर 4-5 भाई बहनों की जिम्मेदारी भी मासूमों को मजदूरी करने के लिए मजबूर कर देती है मगर अधिकतर मामलों में माता पिता की सहमति से व्यापारिक इकाईयों द्वारा यह कार्य करवाया जाता है।
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