26 March 2020 02:20 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। कोरोना से प्रभावित आमजन के लिए ब्याज़ और किश्तें सबसे बड़ी समस्या बनने वाली हैं। देश का बहुत बड़ा वर्ग कहीं ना कहीं किश्तों व ब्याज की चपेट में हैं। इन सबके सामने बड़ी समस्या यह है कि अब वह ब्याज व किश्तों का भुगतान कैसे करेंगे। 15 अप्रेल तक लॉक डाउन पूरे देश में है, इसके बाद के हालात भी साफ नहीं है। आवश्यक वस्तुओं को छोड़कर सभी तरह के व्यापार बंद हो चुके हैं। अप्रेल माह तक की शादियां रद्द हो चुकी है वहीं मई में होने वाली शादियों पर भी हालात साफ नहीं है। उदाहरण के तौर पर समझें तो पाएंगे कि शादियों से रोजगार करने वाले सभी लोग आर्थिक तंगी की भेंट चढ़ जाएंगे। जिनमें फोटोग्राफर, छोटे मोटे इंवेट मैनेजर, हलवाई, कैम्पर वाले आदि शामिल हैं। इसके अलावा प्राइवेट संस्थानों में पांच हज़ार से बीस हज़ार की नौकरी करने वाले भी इसी श्रेणी में हैं। हालांकि सरकार ने तनख्वाह न काटने के निर्देश दिए हैं लेकिन छोटे छोटे प्रतिष्ठान भी बिना व्यापार अपने स्टाफ को तनख्वाह दे नहीं पाएंगे। बहरहाल, सबसे अधिक वे प्रभावित होंगे जिनकी नौकरी नहीं बल्कि खुला काम है। सरकार आटा और चावल तो दे देगी मगर वह वर्ग जो ना तो सरकारी योजनाओं पर जीवन चलाता है और ना अमीर है, उसके पास विकल्प ही नहीं बचेंगे। 'ख़बरमंडी' न्यूज़ ने ऐसे लोगों से बात की जो किश्तों के बोझ तले दबे हैं। बीकानेर जिले के एक फोटोग्राफर को हर माह एचबीडी में अठारह हज़ार रूपए की किश्त जमा करवानी होती है, मगर शादियां रद्द होने से वह परेशानी में आ चुका है। कंपनी से बात की गई तो जवाब मिला किश्त तो लगेगी, देर हुई तो सिबिल खराब होगी और पैनल्टी लगेगी वह अलग। इसी तरह जिले के एक युवक का फोन 'ख़बरमंडी' न्यूज़ के पास आया, जिसकी कोर्ट में फाइल सैटलमेंट में है और वह हर तारीख पर एक बड़ी रकम किश्त के तौर पर जमा करवाता है। उल्लेखनीय है कि प्राइवेट व सरकारी कंपनियों सहित कोर्ट में चल रहे आर्थिक मामलों को मिलाकर करोड़ों ऐसे लोग हैं जो संकट में हैं। सिर्फ सरकारी व मल्टीनेशनल कंपनियों में नौकरी कर रहे लोग ही आर्थिक रूप से प्रभावित नहीं होंगे, इसके अलावा प्राय: सभी तरह के लोग प्रभावित होंगे। ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह सरकारी सहित सभी तरह के फाइनेंस व कोर्ट से जुड़े मामलों की किश्तों व ब्याज पर दो माह का समय बढ़ाए।
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