05 October 2023 08:02 AM

	
				  
				      	 
			     
	
				  
				      	 
			     
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। (पत्रकार रोशन बाफना की रिपोर्ट) विधानसभा चुनाव में टिकटों को लेकर बीकानेर शहर की सियासी सरगर्मियां लगातार तेज हो रही है। बात बीजेपी की करें तो दावेदारों की फेहरिस्त बड़ी है। दावेदारों की इस फेहरिस्त में कुछ नाम दमदार मानें जा रहे हैं। सर्वे के अनुसार बीकानेर पश्चिम से जेठानंद व्यास, अविनाश जोशी, गोकुल जोशी सहित शहर अध्यक्ष विजय आचार्य चुनाव लड़ने के फुल मूड में हैं। इसके अतिरिक्त कुछ अन्य दावेदार भी हैं। हालांकि पार्टी पॉलिसी के अनुसार शहर अयक्ष के पद पर होने की वजह से विजय आचार्य की टिकट पर संकट है। लेकिन अंदरूनी रिपोर्ट यह भी है कि कुछ नामों पर पॉलिसी ब्रेक की जा सकती है।वहीं बीकानेर विधानसभा पूर्व से सिद्धि कुमारी, सुरेंद्र सिंह शेखावत, महावीर रांका, दिलीप पुरी, महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित सहित केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल चुनावी मैदान में उतरने के मूड में लग रहे हैं।
विश्लेषण करें तो बीकानेर पश्चिम के दावेदारों की फेहरिस्त में दमदार नाम कुछ एक ही हैं। इनमें जेठानंद व्यास, विजय आचार्य व अविनाश जोशी का नाम है। इनमें से किसी को टिकट मिल सकती है। इस बीच पश्चिम के दावेदारों को महावीर रांका का नाम भी याद रखना चाहिए। बीकानेर पूर्व विधानसभा से दावेदारी की मार्केटिंग करने वाले रांका को पश्चिम से टिकट मिल जाए, तो आश्चर्य ना करें। इसकी वजह विधानसभा पूर्व पर सिद्धि कुमारी की दमदार दावेदारी है। राजकुमारी की टिकट कटने का एकमात्र कारण अर्जुनराम मेघवाल हो सकते हैं। बता दें कि मेघवाल की राजस्थान के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नज़र है। ऐसे में वह विधानसभा चुनाव के मैदान में प्रत्याशी के रूप में उतरने को तैयार हैं। सूत्रों से पता चला है कि मेघवाल ने अनूपगढ़ व खाजूवाला की बजाय बीकानेर पूर्व से चुनाव लड़ने का मन बनाया है। ऐसे में बीजेपी के लिए लगातार कई वर्षों से समर्पित होकर कार्य कर रहे समाजसेवी महावीर रांका को नेतृत्व दरकिनार नहीं करेगा। टिकटों की इस दौड़ में बीजेपी के सुरेंद्र सिंह शेखावत को ग्राउंड बनाने में भले ही सफलता मिल जाए, टिकट के मामले में सर्वे रिपोर्ट उनके पक्ष की नहीं है। सुशीला कंवर को महिला आरक्षण का लाभ भी नहीं मिल पाएगा। इसकी वजह सिद्धि की केंद्र व राज्य में मजबूत पकड़ है।वहीं हर ओर पोस्टर लगाकर पहचान में आए दिलीप पुरी महज लाइमलाइट में ही रह पाएंगे। बीजेपी के अंदरूनी सूत्रों की मानें तो शहर बीजेपी में चुनावी मैदान फतेह करने का व्यक्तिगत माद्दा रखने वाले महज 4-5 व्यक्ति ही हैं। बहरहाल, दावेदारों की सांसें फिलहाल अटकी हुई है। उम्मीद और उत्साह भरपूर है। टिकट आने का इंतज़ार है।
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