24 July 2020 11:34 AM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। अचानक सचिन की चुप्पी टूटने से राजस्थान की सियासत में अब नयी हलचल पैदा हो गई है। वहीं हाइकोर्ट ने स्पीकर के नोटिस पर स्टे लगाकर सचिन को बड़ी राहत भी दे दी है। बता दें कि हाइकोर्ट में फैसले की घड़ी से ठीक पहले सचिन पायलट ने कहा था कि उनकी लड़ाई अशोक गहलोत से है तथा वे कांग्रेस में रहकर ही यह लड़ाई लड़ेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने कांग्रेस के खिलाफ कुछ नहीं कहा है। पायलट के इस बयान के बाद अशोक गहलोत खेमे में हलचल बताई जा रही है। वहीं पायलट का यह बयान कहीं किसी बड़े उलटफेर का संकेत भी हो सकता है। पायलट ने आखिर अब यह बयान क्यों दिया? क्या कांग्रेस आलाकमान ने पायलट को अभयदान दे दिया है? अगर ऐसा है तो गहलोत सरकार खतरे में आ सकती है। वहीं दूसरी ओर पायलट के बयान को विधायकों की संख्या से भी जोड़ा जा रहा है। माना जा रहा है कि पायलट के खेमे में तीस से अधिक विधायक आ चुके हैं, ऐसे में सरकार बचाने के लिए आलाकमान ने पायलट पर वरदहस्त रखना स्वीकार कर लिया है। बता दें कि अगर ऐसा होता है, पायलट भाजपा में नहीं जाते हैं और कांग्रेस में रहते हैं, तो मुख्यमंत्री की नेम प्लेट पर सचिन का नाम अंकित हो सकता है। वहीं दूसरा पक्ष सचिन की कमजोर स्थिति भी हो सकता है। जिस वजह से वे कांग्रेस में ही रहना चाहते हों। लेकिन ऐसी स्थिति में राजस्थान उन्हें रास आना मुश्किल है, बहरहाल, गहलोत को राजस्थान में सचिन तो रास आने ही नहीं है। पेचीदा हुए हालातों में ये सियासत किस ओर जाएगी, यह कहना आसान नहीं होगा।
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