23 December 2021 09:08 PM

ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। (रोशन बाफना की रिपोर्ट) सैनिक वह होता है जो बर्फीली घाटियों, कंटीली झाड़ियों और अंगारे बरसती रेत से लेकर डरावने अंधेरों में तैनात रहकर देश की रक्षा करता है। जब सैनिक शहीद होता है तो प्रकृति भी रोती है। माटी के लिए जान लुटाने वाले ऐसे शहीद का सम्मान हर देशवासी का दायित्व है। मगर देश के ऐसे ही गौरव वीर शहीद कैप्टन चंद्र चौधरी की प्रतिमा को उनके अपने ही शहर बीकानेर में अंधेरों से घिरा रहना पड़ रहा है। कैप्टन चंद्र चौधरी के स्मारक में सूर्यास्त के बाद रोशनी का नामोनिशान नहीं रहता। यहां कैप्टन की प्रतिमा से लेकर एयरक्राफ्ट तथा विजयंत टैंक तक सबकुछ अंधेरे में हैं। इस पार्क में दिनभर लोगों की आवाजाही रहती है। ये बीकानेर ही नहीं बल्कि पूरे देश का गौरव है। मगर यहां आवश्यकता अनुरूप रोशनी ना होने से सूर्यास्त के बाद असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगता है। अगर यहां फोकस लाइट लग जाए तो इसकी शोभा बढ़ जाएगी। रात्रि में भी लोगों के लिए यह दर्शनीय रहेगा।
इस पीड़ा को लेकर शहीद सम्मान समिति के सीताराम सिहाग पिछले डेढ़ साल से यूआईटी के चक्कर काट रहे हैं। सीताराम के अनुसार वे कई बार यूआईटी के चक्कर काट चुके। यूआईटी सचिव को भी पत्र दिया गया, मगर सुनवाई नहीं हुई। कई बड़े मंत्रियों तक भी अर्जी लगाई गई मगर आश्वासन ही मिला। पूर्व कलेक्टर कुमार पाल गौतम के समक्ष भी गुहार लगाई मगर समाधान नहीं हुआ। अब सीताराम ने कलेक्टर नमित मेहता के समक्ष अर्जी लगाई है। सीताराम ने यहां फोकस लाइट लगाने सहित सौन्दर्यकरण करने की मांग की है। इसके अतिरिक्त अतिक्रमण हटवाने व पार्क के बाहर हुए गड्ढ़ों को भरवाने की भी अपील की है।
अब देखना यह है कि देश के इस ऐतिहासिक महत्व रखने वाले स्मारक की सुध कब ली जाती है। उल्लेखनीय है कि समय समय पर मंत्री आदि यहां श्रद्धांजलि अर्पित करने आते रहते हैं।


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