08 October 2024 05:56 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। अहिल्या बाई होल्कर की 300वीं जन्म जयंती श्री नेहरू शारदा पीठ पीजी महाविद्यालय में मनाई गई। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उच्च शिक्षा राजस्थान द्वारा आयोजित कार्यक्रम में एबीआरएसएस के प्रदेश संगठन मंत्री प्रोफेसर दिग्विजय सिंह व डूंगर महाविद्यालय के प्रोफेसर शशिकांत बतौर अतिथि शामिल हुए। महाविद्यालय प्राचार्य डॉ प्रशांत बिस्सा ने भारतीय संस्कृति को सर्वोपरि बताते शब्दाभिषेक से अतिथियों का स्वागत किया।
मुख्य वक्ता दिग्विजय सिंह ने कहा कि अहिल्या बाई के जीवन से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने संघर्षों के साथ स्त्री सशक्तिकरण पर जोर दिया। उन्होंने इतिहास के पन्ने खोलते हुए अपनी बात रखी।
प्रोफेसर शशिकांत ने कहा कि श्रीमद्भागवत गीता में श्रीकृष्ण भगवान ने नारी के जिन सात गुणों का वर्णन किया है वह सातों गुण लोकमाता अहिल्या बाई में थे। वें एक महान दार्शनिक थीं। उन्होंने वस्त्र कला के शिविर लगाकर वस्त्र उद्योग को महत्व दिया। वह न्याय व त्याग की प्रतिमूर्ति थीं। डॉ समीक्षा व्यास ने जीवन वृत पर प्रकाश डाला। राजस्थानी विभागाध्यक्ष डॉ गौरीशंकर प्रजापत ने कार्यक्रम का संचालन किया। प्रजापत ने धन्यवाद भी ज्ञापित किया। इस अवसर पर डॉ रमेश, डॉ मनीषा, डॉ पूनम, नीतू बिस्सा, राजेश पुरोहित, दीपा व्यास, संगीता व्यास, दीपा हर्ष, सुलोचना ओझा, कुसुम पारीक, बलदेव शर्मा सहित महाविद्यालय के विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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