30 October 2024 11:06 AM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। धनतेरस की रात बीकानेर में मौत का तांडव हो सकता था। गनीमत रही कि अभी तक सबकुछ सलामत है। घटना बीती रात करीब सवा एक बजे की है। इस समय गजनेर रोड़ चुंगी से जाट धर्मशाला के बीच 15-20 ऊंट के बच्चे सड़क पर खुलेआम दौड़ते भागते दिखे। ये सड़क के दोनों भागों में भागम भाग मचा रहे थे। अब आप कहेंगे कि ऊंटों से मौत का तांडव कैसे ? तो पहला कारण तो सामान्य है कि सड़क पर एक्सीडेंट हो सकता था। लेकिन दूसरा कारण बड़ा ही महत्वपूर्ण है। यह जानते ही आप समझ जाएंगे कि कैसे मौत का तांडव हो सकता है। दरअसल, रेगिस्तान का जहाज़ कहा जाने वाला ऊंट एक ऐसा जानवर है जो बिना मालिक और खुला छोड़ा हुआ काम का नहीं है। ये गर्दन को धड़ से एक झटके में अलग कर मौत दे देता है। ऐसी घटनाएं कई बार हुई है। कोरोना काल में बीछवाल थाना इलाके में करमीसर के जाट की भी इसी तरह मौत हुई थी। ऊंट ने अपने मालिक की गर्दन ही एक झटके में धड़ से अलग कर दी थी। ऊंटों की हमलेबाजी के कई मामले सामने आते रहते हैं। ऐसे में सड़क पर खुले घूम रहे ये 10-15 ऊंट मौत का तांडव किस तरह से मचा सकते थे, इसकी कल्पना आप कर सकते हैं।
यह ऊंट कहां से आए, किसके थे, ये अभी तक रहस्य ही है। चौंकाने वाली बात यह है कि इसके ठीक पास पुलिस का चैकिंग पॉइंट भी बना हुआ है, जहां पुलिस मौजूद रहती है। लेकिन किसी ने ये पता लगाने की जिम्मेदारी नहीं उठाई।
इससे पहले भी नाल हाइवे पर लावारिस ऊंटों के झुंड देखे गये हैं। लेकिन इस बार लावारिस ऊंटों का झुंड कुछ अलग है। ये सभी ऊंटों के बच्चे थे। इतनी बड़ी संख्या में ऊंटों के बच्चे एक साथ आखिर कहां से आए, ये बड़ा सवाल है।
पुलिस को चाहिए कि इस पर संज्ञान लेकर पता लगाएं। वहीं कलेक्टर भी इस मामले में एक्शन ले सकते हैं। जानकारी के अनुसार यह उनके अधिकार क्षेत्र में आता है। बहरहाल, वें जिले की मालिक भी हैं, तो ऐसे किसी भी विषय पर वे संज्ञान और एक्शन ले सकती हैं।
अब देखना यह है कि इतने बड़े मामले को सिस्टम यूं ही हवा देने होता है या एहतियात के तौर पर संज्ञान लेकर कार्रवाई करता है। देखें वीडियो
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